एम्स ऋषिकेश ने ड्रोन से भेजी टिहरी में दवाई, बना देश का पहला संस्थान

हिमशिखर खबर ब्यूरो

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ऋषिकेश: एम्स ऋषिकेश ने पहाड़ी इलाकों के दुर्गम क्षेत्रों में दवाई पहुंचाने के लिए नई तकनीक से सेवा देनी शुरू कर दी है। ड्रोन कंपनी के माध्यम से दवाइयां मरीजों तक पहुंचाए जाने की योजना आज से शुरू हो गई है। एम्स की प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह और ड्रोन कंपनी के अधिकारियों ने पहली ड्रोन सेवा से तीन किलो भार की दवाई का पैकेट नई टिहरी के लिए रवाना किया। 29 मिनट में ड्रोन ने टिहरी पहुंचकर मरीज को दवाई उपलब्ध कराई।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह के मार्गदर्शन में एम्स से पहली बार ड्रोन के जरिए दुर्गम क्षेत्र में टीबी की दवाएं भेजने का कार्य शुरू किया गया। एम्स की ओर से टिहरी गढ़वाल में इस सेवा को प्रारंभ किया, जो सफल रही।

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ऋषिकेश से नई टिहरी तक ड्रोन का सफर करीब 36 किलोमीटर लंबा रहा। दो किलोमीटर ऊंचाई में उड़ने वाले ड्रोन ने 29 मिनट में अपना यह सफर पूरा किया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बौराड़ी में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ड्रोन के जरिए पहुंचाई गई टीबी की दवाई प्राप्त की।

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ड्रोन के जरिए तीन किलोग्राम वजन की दवाई यहां से भेजी गई है। इस मौके पर डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी पूर्व डीन एकेडमिक डा. मनोज कुमार गुप्ता, ड्रोन का संचालन करने वाली कंपनी टेक ईगल इनोवेशन गुड़गांव की टीम के लीडर गौरव आशु दानी मौजूद रहे।

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