अमावस्या दो दिन: आज श्राद्ध-पूजा और कल स्नान-दान करना शुभ

पंडित उदय शंकर भट्ट

Uttarakhand

इस साल आषाढ़ महीने की अमावस्या तिथि दो दिन यानी आज और कल दो दिन रहेगी। अमावस्या को धर्म ग्रंथों में पर्व कहा गया है। इस तिथि पर पितरों की विशेष पूजा की जाती है। ज्योतिष के नजरिये से इस दिन सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में आ जाते हैं। इन दोनों के ग्रहों के बीच का अंतर 0 डिग्री हो जाता है। हर महीने की अमावस्या पर कोई न कोई व्रत या पर्व मनाया जाता है। ये तिथि पितरों की पूजा के लिए खास मानी जाती है।

व्रत-पूजा और श्राद्ध के लिए मंगलवार
आज अमावस्या तिथि सूर्योदय के बाद ही शुरू हो जाएगी और पूरी रात रहेगी। इसलिए इस दिन व्रत और पीपल पूजा के साथ ही पितरों के लिए श्राद्ध किया जाएगा। साथ ही इस दिन अमावस्या तिथि में होने वाली हर तरह की पूजा की जा सकेगी।

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स्नान-दान के लिए शनिवारी अमावस्या
29 जून, बुधवार को भी अमावस्या तिथि सूर्योदय के बाद कुछ समय तक रहेगी। इसलिए इस दिन स्नान-दान करना चाहिए। इस दिन तीर्थ या पवित्र नदी के जल से नहाने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। साथ ही इस दिन किए गए दान का कई गुना पुण्य मिलता है। बुधवार को अमावस्या होने से इस दिन कालसर्प योग की पूजा का विशेष फल मिलेगा।

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अमावस्या से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
1. ज्योतिष में अमावस्या को शनिदेव की जन्म तिथि माना गया है।
2. इस तिथि में पितरों के उद्देश्य से किया गया दानादि अक्षय फलदायक होता है।
3. सोमवार या गुरुवार को पड़ने वाली अमावस्या को शुभ माना जाता है।
4. रविवार को अमावस्या होना अशुभ माना जाता है।
5. इस तिथि पर भगवान शिव और पार्वती देवी की विशेष पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है।
6. ज्योतिष में अमावस्या को रिक्ता तिथि कहा जाता है यानी इस तिथि में किए गए काम का फल नहीं मिलता।
7. अमावस्या को महत्वपूर्ण खरीदी-बिक्री और हर तरह के शुभ काम नहीं किए जाते हैं। इस तिथि में पूजा पाठ का विशेष महत्व है।

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