अपील: अमृत काल में गांव में अमृत वर्षा, गांव की आय ४ वर्ष में दोगुना करने की व्यवस्था

भाई कमलानंद

Uttarakhand

पूर्व सचिव भारत सरकार


अपील

१ गांव को स्वतंत्र, स्वाभिमानी, स्वावलंबी देश की एक मजबूत अर्थतंत्र इकाई, बिना किसी ग्रांट, रिबेट, सब्सिडी बनाने का रोडमैप

२ पंचायत के २९ विषय पर गांव स्वावलंबन आदि सभी कार्य कम्प्यूटर पर १००% पारदर्शी ६०% महिला भागीदारी के साथ गांव में ही गांव के द्वारा बनाए जाएगा

३ गांव द्वारा प्रत्येक ब्लॉक/ गांव द्वारा बिना सरकारी दखल के गांव उपयोगी उत्पाद जैसे जैविक तथा देशी गाय आधारित गांव का शराब मुक्त, मुकदमा मुक्त, झगड़ा मुक्त अर्थ तंत्र विकसित किया जाएगा।

४- ग्राम सभा की सहमति तथा पंचायत परिषद गांव की जीडीपी दोगुनी करेंगे जो आयतित वस्तुओं जैसे डीजल, पेट्रोल ,खाद ,दवाओं का विकल्प देसी दवा,देसी व्यायाम, प्राचीन बौद्धिक सम्पदा ( जैसे नुस्खे, नाड़ी विज्ञान, घरेलू उपाय आदि),गाय, जड़ी बूटियों के माध्यम से स्थानीय ग्रामीणों (मुख्यता लघु एवं सीमांत किसान, भूमिहार, बेरोजगार ग्रामीण युवाओं) द्वारा खाली पड़े रिसोर्सेस जैसे तालाब कुएं बावड़ी, गौशाला, पहाड़ी, मकान आदि का उपयोग करके प्रस्तुत किए जाएंगे।

उदाहरण – नाछी गांव गुरदासपुर पंजाब के ग्रामीणों ने अपनी क्षमता को पहचाना, मेड इन इंडिया मशीनों की सहायता से बिना किसी सरकारी मदद के गांव के कचरा आदि को अलग कर पेट्रोल गैस तथा बिजली का उत्पादन पंचायत / ग्रामीणों द्वारा किया गया और गांव पूरी तरह पर्यावरणीय एवं आत्मनिर्भर बन सका।( संलग्नक )

५- सरकार से अनुरोध ब्लॉक तथा पंचायत या नगर स्तर पर खाली पड़ी जमीन, ऑफिस, बिल्डिंग अप्रयुक्त तालाब कुएं बावड़ी आदि वर्तमान में अनुप्रयुक्त संसाधनों की जानकारी उपलब्ध कराएं । गांव को बिना ग्रांट,सब्सिडी आदि के अपवादों से आगे बढ़ने एवं लक्षित परिणाम हासिल करने पर प्रोत्साहन राशि के द्वारा हौसला अफजाई की जाय।
६- इस सम्पूर्ण भारत, समृद्ध भारत की पर्यावरणीय भारतीय गोवंश आधारित अर्थव्यवस्था में रोजगार सृजन की अपार क्षमता है।
रोजगार – १००० व्यक्ति (६०% महिलाएं) प्रति ब्लॉक
निवेश – १०० करोड़ प्रति ब्लॉक ( १०% देसी तकनीक+ १०% गाय आधारित अर्थ उपार्जन पञ्चगव आदि + १०% जड़ी बूटी आयुर्वेद आदि से सम्बन्धित रोजगार)
७- एक वर्ष के कार्यक्रम को प्रत्येक तिमाही में पुनरावलोकन किया जाएगा तथा सभी संबंधित व्यक्ति एनजीओ,
अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे जिसमें केंद्रीय निर्देशक मंडल जहां अनुभवी चार्टर्ड एकाउंटेंट, इंजीनियर, सेवा निवृत्त आईएएस अधिकारी अपने विषयों के विशेषज्ञ अपनी सशुल्क
सेवाएं देंगे। केंद्रीय समिति ही उत्पाद मूल्य का एक निश्चित प्रतिशत लेकर इसका देश भर में मार्केटिंग करेगी।

८- संतों से समृद्धि, गायों से वृद्धि
गांव की ओर चलो, गुरुकुल जोड़ो
पत्रकार प्रेरित,
पर्यावरणीय परिवर्तन में
शुभलाभी पुरुषार्थी बनो।

९-गांव द्वारा स्वरोजगार सृजन कर जातिवाद, क्षेत्रवाद से रहित स्वशासन प्रशासन द्वारा भ्रष्टाचार न करना, न करने देना के मंत्र के साथ शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार तथा धन की असमानता विषमता को दूर करने का भागीरथी प्रयास

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