CA राजेश्वर पैन्यूली
सह-संयोजक,आर्थिक प्रकोष्ठ एवं प्रवक्ता (पैनिलिस्ट) बीजेपी, उत्तराखण्ड
सीए पैन्यूली ने कहा कि आम बजट 2024-25 विकसित भारत-आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगा। यह बजट स्वागत योग्य है। इससे हर वर्ग लाभान्वित होगा।
सीए राजेश्वर पैन्यूली ने कहा कि भारत सरकार ने पिछले 10 वर्षों के दौरान देश में जो अभूतपूर्व विकास करवाया है उसी का परिणाम है कि जनता प्रधानमंत्री के कार्यों से खुश है। इतना ही नहीं विदेशों में भी देश का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि पहले भारत विदेशों की सुनता था और अब पूरी दुनिया भारत देश को सुन रहा है। सीए राजेश्वर पैन्यूली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत देश दुनिया के अंदर पांचवीं अर्थशक्ति के रूप में उभर कर सामने आया है और अब तीसरी शक्ति बनने का प्रयास कर रहा है।
केन्द्रीय बजट में विगत वर्ष की तुलना में शिक्षा क्षेत्र में 32 प्रतिशत की वृद्धि किया जाना बड़ी उम्मीदपरक है। सीए राजेश्वर पैन्यूली ने कहा कि शिक्षा के विकास के मद में 1.48 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया है। जन-जन के विकास का ध्यान इस बजट में रखा गया है। आयकर के स्लैब में सुधार किए जाने से संबंधित वर्ग को काफी लाभ मिलेगा। व्यापारी, किसान, सरकारी कर्मचारी तथा बेरोजगारों को राहत देने वाला यह बजट अपने आप में अनोखा है। इसका दूरगामी लाभ देशवासियों को मिलेगा।
सीए राजेश्वर पैन्यूली ने कहा कि युवाओं के दृष्टिकोण से देखा जाए वित्त मंत्री ने नए अवसर देने के रास्ते खोले हैं। उद्योगों को रोजगार देने पर प्रोत्साहन देने की बात है। पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं के वेतन का कुछ बोझ सरकार उठाएगी। नई नौकरी वालों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर देगी। अतिरिक्त रोजगार देने वाले उद्योगों को कर्मचारियों का ईपीएफओ सरकार देगी। 500 कंपनियों में 1 करोड़ इंटर्नशिप की घोषणा इसी ओर संकेत करती है। इंफ्रास्ट्रक्चर की योजनाओं से भी रोजगार सृजित होंगे। मोबाइल और सोना सस्ता होने से लोग खुश हैं।
निर्मला सीतारमण ने बजट में अपनी नौ प्राथमिकताएं, अर्बन डेवलपमेंट, कृषि, रोजगार, सोशल जस्टिस, मैन्युफैक्चरिंग एंड सर्विस, एनर्जी, नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म, इनोवेशन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर बताई हैं। वित्त मंत्री का बजट इस दिशा में आगे बढ़ता दिखता है। बजट से निश्चित ही देश की अर्थव्यवस्था सही राह पर चलेगी। कुल मिलाकर निर्मला सीतारमण ने बिना बड़ी और मुफ्त घोषणाओं के एक अच्छा बजट पेश किया है। विदेश जाने के इच्छुक व्यक्ति को बताना होगा कि उनके पास कोई बकाया कर देनदारी नहीं है। बकाया का भुगतान करने के लिए सही व्यवस्था कर दी है। पूर्ववर्ती प्रॉपर्टी टैक्स, गिफ्ट कर अधिनियम और खर्चों संबंधी कर अधिनियमों पर भी यह नियम लागू होगा।
बजट में किसानों पर विशेष फोकस किया गया है। देश के 400 जिलों में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) का उपयोग करते हुए खरीफ फसलों का डिजिटल सर्वेक्षण करवाया जाएगा। 5 राज्यों में जनसमर्थन आधारित किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे। वहीं, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की वृद्धि और रोजगार सृजन में तेजी लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय सहयोग नीति तैयार करने की घोषणा की गई है। पीएम गरीब कल्याण योजना को पांच साल के लिए बढ़ाए जाने का ऐलान किया गया है। इससे 80 लाख से ज्यादा लोगों को आर्थिक मोर्चे पर फायदा पहुंचेगा। रोजगार, कौशल प्रशिक्षण के लिए पीएम की पांच योजनाओं के पैकेज की घोषणा की गई। इससे पांच साल में 4 करोड़ 10 लाख युवाओं को लाभ होगा। इन योजनाओं पर दो लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
नए टैक्स रिजीम के तहत अब तक 70 प्रतिशत लोग ही रिटर्न भरने लगे हैं। सरकार का उद्देश्य है कि लोग बचत और निवेश स्वेच्छा से करें, ना कि टैक्स बचाने की नीयत से। इस बार न्यू टैक्स रिजीम के टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया गया है। सरकार अब दूरदर्शिता की सोच के साथ आगे बढ़ रही है। सैलरी पाने वाले लोगों के फायदे के लिए स्टेंड्रड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपए कर दिया गया है। सीए पैन्यूली ने कहा कि बजट में सरकार ने छोटे और मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टर डेवलप करने के लिए निजी कंपनियों के साथ पार्टनरशिप करके परमाणु ऊर्जा के लिए एक महत्वपूर्ण ऐलान किया है। बजट में 1 करोड़ परिवारों को बड़ी खुशखबरी दी गई है। इसमें “प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की शुरुआत की गई है, इसके तहत छतों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे, इससे एक करोड़ परिवारों को हर महीने 300 यूनिट तक निशुल्क बिजली मिल सकेगी।” बजट में कच्चे या अस्थायी मकान में रहने वाले लोगों के लिए बड़ा ऐलान किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 3 करोड़ अतिरिक्त आवास बनाने का फैसला लिया गया है।इस योजना पर मौजूदा वित्त वर्ष में 10 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस बजट में सबसे बड़ी राशि इस योजना में खर्च की जाएगी। बजट में सरकार 2024-25 में कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये उपलब्ध कराएगी और बुनियादी ढांचे में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाएगी। इसके तहत परियोजना को व्यावहारिक बनाने के लिए वायबेलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) शुरू की जाएगी। इसके जरिए सरकार अगले पांच वर्षों में बुनियादी ढांचे के लिए मजबूत फंडिंग बनाए रखने का प्रयास करेगी।