एपीडा ने उत्तराखंड से कृषि – निर्यातों को बढ़ावा देने के लिए जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

देहरादून

Uttarakhand

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ तालमेल बनाकर कृषि उत्पादों की मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने के उद्देश्य से उत्तराखंड के पंतनगर स्थित जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जीबीपीयूएटी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।

इस समझौता ज्ञापन में एपीडा और जीबीपीयूएटी के बीच एक ऐसे सहयोग की परिकल्पना की गई है, जिसके तहत भारत से कृषि उत्पादों के निर्यात के विकास के लिए उनकी संबंधित विशेषज्ञता और उनके संसाधनों का उपयोग किया जाएगा। निर्यात को ध्यान में रखकर उत्पाद विशेष से संबंधित क्लस्टर के निर्माण के लिए, ये दोनों प्रतिष्ठित संस्थान संयुक्त रूप से गुणवत्तापूर्ण निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अग्रिम सतर्कता एवं कुशल व सटीक खेती से जुड़ी प्रौद्योगिकियों का विकास करेंगे।

इस समझौता ज्ञापन में उत्तराखंड की प्रमुख फसलों के स्वास्थ्य, उत्पादकता एवं उत्पादन के त्वरित मूल्यांकन के लिए ड्रोन, उपग्रह, जीआईएस और जीपीएस सहित डिजिटल कृषि के उपयोग पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।

एपीडा और जीबीपीयूएटी निर्यात एवं उससे जुड़े गंतव्यों के मामले में विविधता लाने, उच्च मूल्य वाले कृषि निर्यात को बढ़ावा देने और वैश्विक स्तर पर ब्रांड इंडिया की स्थापना के लिए आपस में सहयोग करेंगे। बागवानी, पशुधन और अन्य नए उन्नत उत्पादों के साथ–साथ जीबीपीयूएटी मुख्य रूप से उत्तराखंड के बासमती चावल, बाजरा, औषधीय उत्पादों, सुगंधित उत्पादों, बागवानी से संबंधित उत्पादों और पौष्टिक-औषधीय पौधों के अर्क, तेल, पाउडर से संबंधित अन्य पौधों जैसे उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

इस समझौता ज्ञापन का एक लक्ष्य उत्पादन को सुविधाजनक बनाने और कृषि-निर्यात के लिए एक मूल्य श्रृंखला स्थापित करने के लिए सहयोग एवं आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान करने के उद्देश्य से बासमती-चावल एवं बाजरा निर्यात विकास केंद्र की स्थापना करना भी है।

एपीडा और जीबीपीएयू कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के विकास तथा निर्यात के लिए संयुक्त परियोजनाएं शुरू करेंगे, जिसमें उत्तराखंड में फल एवं सब्जी से संबंधित क्लस्टर का विकास तथा सुविधा – सह – निगरानी प्रकोष्ठ की स्थापना से संबंधित कदम शामिल होंगे।

एपीडा के अध्यक्ष डॉ. एम. अंगमुथु और जीबीपीएयू के कुलपति डॉ. ए. के. शुक्ल की उपस्थिति में इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। एपीडा एनएबीएल से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं की स्थापना, क्षमता निर्माण, कृषि निर्यात के ढांचागत विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।

एक ओर जहां वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत कार्य करने वाला एपीडा कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देता है, वहीँ जीबीपीएयू ने फसलों की नई किस्मों सहित कृषि प्रौद्योगिकियों की एक श्रृंखला, जिनका देशभर में किसानों द्वारा बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है, को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

मूल्य-संवर्धन और किसानों की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से, एपीडा ने आईसीएआर-सेंट्रल साइट्रस रिसर्च इंस्टीच्यूट (आईसीएआर-सीसीआरआई), नागपुर, आईसीएआर-इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च (आईसीएआर-आईआईएमआर), तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, कोयंबटूर, कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, बैंगलोर, नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नेफेड) तथा अन्य संस्थानों के साथ कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *