उपलब्धि : सेना अस्पताल ने नेत्र कैंसर के इलाज के नए तरीके को इजाद किया

नई दिल्ली

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आर्मी हॉस्पिटल रिसर्च एंड रेफरल, नई दिल्ली ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। सशस्त्र बलों के अस्पतालों के इतिहास में पहली बार नेत्र रोग विशेषज्ञों और ओकुलर ऑन्कोलॉजिस्ट की एक टीम ने कर्नल एस. के. मिश्रा, लेफ्टिनेंट कर्नल सोनाली विनय कुमार, लेफ्टिनेंट कर्नल अशोक कुमार और डॉ मनोज सेमवाल के नेतृत्व में चार साल के बच्चे की आंख पर प्लेक ब्राकीथेरेपी की सफल प्रक्रिया पूरी की।

पीडि़त बच्चा पहले ही कैंसर के कारण अपनी बाईं आंख की रोशनी खो चुका था और वह पूरी तरह से अपनी दृष्टि खोने के कगार पर पहुंच गया था। सर्जरी स्थानीयकृत रेडिएशन इलाज प्रक्रिया का इस्तेमाल करके की गई। जिसके तहत भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) से प्राप्त एक स्वदेशी रूथेनियम 106 प्लेक को आंख में डाला गया और जिसे आसपास के ऊतकों को नुकसान पहुंचाए बिना न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी करने के लिए इस्तेमाल किया गया।

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नेत्र ट्यूमर के उपचार का मुख्य उद्देश्य, सबसे पहले रोगी के जीवन को बचाना फिर आंख को बचाना और बच्चे की अधिकतम दृष्टि को संरक्षित करना था। आर्मी हॉस्पिटल रिसर्च एंड रेफरल इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक करने वाला पहला सशस्त्र बल अस्पताल बन गया है।

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