रुद्रप्रयाग
केदार घाटी के ऊंचाई वाले इलाके इन दिनों ब्रह्मकमल के फूलों से लकदक बने हुए हैं। मखमली बुग्यालों में ब्रह्मकमल खिलने से प्राकृतिक सौन्दर्य पर चार चांद लगे हैं। यह पुष्प भगवान शिव का सबसे प्रिय पुष्प है। इसलिए शिवभक्त भोले शंकर को यह पुष्प अर्पित करते हैं।
ब्रह्मकमल 14 हजार से लेकर 16 हजार फीट की ऊंचाई पर पाया जाता है। जबकि फेन कमल 16 हजार से 18 हजार फीट की ऊंचाई पर पाया जाता है। सूर्य कमल की प्रजाति बहुत दुर्लभ मानी जाती है। ब्रह्म कमल की महिमा का वर्णन शिव महिम्न स्तोत्र में भी किया गया है। केदारनाथ धाम से लगभग 9 किमी दूरी तय करने के बाद वासुकी ताल, रांसी मनणामाई पैदल ट्रैक पर सीला समुद्र का भूभाग, मदमहेश्वर पाण्डवसेरा नन्दी कुण्ड तथा बिसुणीताल व देवताओं के घौला क्षेत्र का भूभाग इन दिनों असंख्य ब्रह्मकमल के फूलों से लकदक है।