हिमशिखर बॉलीवुड डेस्क
बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला है। उन्हें यह अवार्ड भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू के हाथों फिल्म ‘मणिकर्णिका: क्वीन ऑफ झांसी’ और ‘पंगा’ के लिए मिला है। इस दौरान कंगना के माता पिता भी उनके साथ वहां मौजूद थे। 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार का वितरण आज दिल्ली में किया गया।
अब तक कितने अवॉर्ड जीत चुकी हैं?
कंगना ने अपनी पहली ही फिल्म गैंगस्टर से दर्शकों का ध्यान अपनी तरफ खींचा था। उस फिल्म उनकी अदाकारी के लिए काफी तारीफ हुई। अपने 15 साल के फिल्मी करियर में कंगना ने कई अवॉर्ड जीते हैं। इसमें तो चार बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार ही शामिल हैं। अभिनेत्री ने साल 2008 में बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के लिए अपना पहला नेशनल अवॉर्ड जीता था। फिल्म थी ‘फैशन’। साल 2014 में बेस्ट एक्ट्रेस के लिए उन्हें उनके करियर का दूसरा नेशनल अवॉर्ड मिला। फिल्म थी ‘क्वीन’। अगले ही साल फिर से उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस के लिए तीसरी बार नेशनल अवॉर्ड मिला। फिल्म रही ‘तनु वेड्स मनु’।
कंगना ने 2008 में बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का पहला नेशनल अवॉर्ड जीता था
कंगना ने 2008 में बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का पहला नेशनल अवॉर्ड जीता था। कंगना अलग-अलग कैटेगरी में चार बार फिल्म फेयर अवॉर्ड जीते चुकी हैं। स्क्रीन अवॉर्ड, इंटरनेशनल इंडियन फिल्म एकेडमी अवॉर्ड, प्रोड्यूसर गिल्ट फिल्म अवॉर्ड, बिग स्टार एंटरटेनमेंट, जी सिने अवॉर्ड, ग्लोबल इंडियन फिल्म अवॉर्ड, स्टारडस अवॉर्ड जैसे कई और अवॉर्ड इनके खाते में दर्ज हैं। इसके अलावा कंगना को सिनेमा में उनके बेहतरीन काम के लिए पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है।
फिल्म पंगा के लिए मिला अवॉर्ड
कंगना अपने अभिनय को लेकर काफी चर्चा में रहीं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में वह अपने मिजाज को लेकर सुर्खियों में रही हैं। विवादों के चलते वह अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। मुंबई में महाराष्ट्र सरकार से उनका झगड़ा कई दिनों तक मीडिया में छाई रहती हैं। बीएमसी ने अवैध निर्माण बताते हुए मुंबई स्थित कंगना के ऑफिस को तोड़ दिया था। इसी तरह कंगना और बीएमसी में फ्लैट के निर्माण को लेकर तनातनी चली। बाद में कंगना ने हाईकोर्ट के केस वापस ले लिया तब जाकर उन्हें राहत मिली।
कंगना ने इंस्टाग्राम पर अपने माता पिता के साथ तस्वीर को साझा किया है और इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि ‘हम सभी इस गहरी इच्छा के साथ बड़े होते हैं कि हम अपने पैरंट्स के प्यार, केयर और बलिदान के योग्य बनें।’ मैंने मेरे माता-पिता को जो भी परेशानियां दी हैं उसके बाद ये एक ऐसा दिन है जो उन सारी शरारतों की भरपाई करता है। थैंक यू मेरे माता पिता होने के लिए, मैं इसे किसी और तरीके से नहीं चाहती।’