भाई कमलानंद
पूर्व सचिव भारत सरकार
सभी को मेरा प्रणाम। आज सुबह हम लोग प्रयागराज पहुंच गए हैं। यहां पर आज से तीन की गोष्ठी हो रही है। इसमें आस-पास के जो लोग आना चाहते हैं, वह आ सकते हैं। रहने-खाने का इंतजाम कर लिया जाएगा। इस गोष्ठी में गाय पर आधारित विकास हमारा मुख्य नारा होगा। सभ्यता को बचाना है, तो गाय के महत्व को सामने लाना होगा। जो हमारी बात को झूठी साबित कर देगा, उसको पांच लाख का ईनाम दिया जाएगा। गोष्ठी में पंचगव्य विद्यापीठम के गुरुकुलपति निरंजन वर्मा जी किसी कारण नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में वह आन लाईन माध्यम से बैठक में जुड़ेंगे। गाय सनातन संस्कृति का आधार है। इसका संरक्षण और संवर्द्धन केवल धर्म की नहीं, बल्कि पूरे समाज की समृद्धि का माध्यम है। दुर्भाग्य है कि हमारे देश में गाय को गोमाता तो कहते हैं, लेकिन उसके विज्ञान को नहीं समझा जा रहा है। गाय को देश की अर्थव्यवस्था के साथ जोड़ दिया जाए तो भारत अगले कुछ सालों में आर्थिक रूप से बहुत मजबूत हो जाएगा।