भाई कमलानंद ने उत्तराखण्ड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को लिखा खुला पत्र

भाई कमलानंद

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पूर्व सचिव, भारत सरकार


राधा रतूड़ी जी प्रणाम। मुख्य सचिव बनने पर बधाई और शुभकामनाएं। उत्तराखण्ड राज्य को पहली महिला मुख्य सचिव मिलना महिलाओं के लिये यह गौरव का विषय है। सरकार का यह फैसला हमारी आने वाली पीढ़ियों, बेटियों और महिला प्रशासनिक अधिकारियों को एक नई दिशा व प्रेरणा देने का काम करेगा।

मुझे पूरा विश्वास है कि वह महिलाओं को साथ लेकर इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को बखूबी निभायेंगी और एक कुशल नेतृत्व की छाप छोड़ेंगी। आपके अंदर बहुत सारे गुण हैं।

मुख्य सचिव होने के नाते आप सभी अधिकारियों से आईडिया लीजिए। विशेष रूप से उन आईडियाज पर अमल किया जा सकता है. जिनके क्रियान्वयन के लिए सरकारी पैसे की जरूरत न हो। देवभूमि उत्तराखण्ड में चार धाम, प्राकृतिक संसाधन और अच्छी जलवायु है।

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आप महीने में एक दिन रिटायर्ड अधिकारियों की बैठक कीजिए, इसके लिए उनसे पहले ही बैठक के मुख्य बिंदु मंगा लीजिए। कई सरकारी अधिकारी कर्मचारी ऐसे हैं, जिनका सदुपयोग नहीं हो पा रहा है। ऐसे में किसी के पास कुछ नया करने का आइडिया हो तो उसको अमल में लिया जा सकता है। भ्रष्टाचार मुक्त होने के लिए हरेक की भागीदारी अनिवार्य है।

उत्तराखण्ड में 95 विकासखण्ड हैं। इसके लिए हमने अ-सरकारी असरकारी स्वाभिमानी सलाहकार सेवा बनाई है। मेरा अनुरोध है कि प्लानिंग कमीशन में आप कुछ ऐसे स्वयं सेवकों को नियुक्त कीजिए, जो आपसे टीए, डीए, एलाउंस की डिमाड न करें। अपने ही घर अपनी सलाह दें, जिसमें भी उनकी विशेषज्ञता हाे। हमारे सामने कई चुनौतियां हैं। पढे-लिखे बेरोजगार लोगों से रोजगार का प्लान बनवाया जा सकता है।

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सरकार से बिना अनुदान लिए भी अच्छा काम किया जा सकता है।रूद्रपुर में मछली पालन का केंद्र है। एक बार पशुपालन के सचिव के साथ पशुधन की बैठक हो रही थी। मैंने कहा कि मत्स्य पालन के लिए कई लोगों ने बिना किसी सरकारी अनुदान के मत्स्य पालन शुरू किया है। सचिव कहने लगे कि बिना किसी सरकारी अनुदान के कुछ समय हो ही नहीं सकता है। मैंने कहा कि यदि सब्सिडी नहीं होगी ताे क्या उत्पादकता नहीं बढ़ाई नहीं जा सकती। जिस पर तुरंत रूद्रपुर में फोन किया, तो पता चला कि पांच लोग बिना किसी सरकारी मदद के मत्स्य पालन कर रहे हैं।

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