भाई कमलानंद ने बताया चार दिन की बैठक के मुख्य निर्णय

भाई कमलानंद

Uttarakhand

चार दिन की बैठक संपन्न हो चुकी है। पहली बैठक सुलभ इंटरनेशनल के बिंदेश्वर पाठक जी के नई दिल्ली स्थित कार्यालय में हुई। पाठक जी के यहां अमेरिका से प्रसाद जी भी आए थे, उन सभी के साथ बैठक में नेतृत्वशाला पर एक्शन प्लान किए जाने का निर्णय  लिया गया।

बता दें कि देशभर में सुलभ शौचालय की खूब चर्चा होती है। इसकी शुरुआत बिदेश्वर पाठक जी ने की थी। वह ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। बावजूद इसके उन्होंने साफ सफाई का काम किया और अपने जीवन को एक नई दिशा दी देश को शौच मुक्त करने को लेकर वह लगातार काम कर रहे हैं। हालांकि शुरूआती दौर में उन्हें अपनों से भी विरोध का सामना करना पड़ा। पाठकजी के यहां पर नेतृत्व शाला और ग्राम स्वराज और महिलाओं को आगे लाने पर ज्यादा जोर दिया गया।

उसके बाद सायं को दूसरी बैठक ग्रेटर नोएड में सर्वोदय हेल्थ केयर की एमडी अंशु गुप्ता जी के अस्पताल में हुई। अंशु जी लोगों को स्वास्थ्य सेवा देने के साथ-साथ गोसेवा भी कर रही हैं। उनके साथ गोसंरक्षण को लेकर बहुत अच्छी चर्चा रही अशु जी ने गाय के गोबर से पैट बनाया है। उनकी सोच अच्छी है। बैठक में निर्णय लिया गया कि हमें अपने उत्पाद को बेचने के लिए ज्यादा से ज्यादा ध्यान मार्केटिंग पर देना होगा।

वृंदावन में सुखधाम आश्रम में तीन दिन की चर्चाएं रही। पहले दिन की 19 जुलाई सांय को आश्रम पहुंचने पर बाबा बलराम जी का आभार प्रकट किया गया। जो समाज में निराशा आई हुई है। जो 18 प्रश्न ग्रुपों में भेजे गए हैं। इसमें 20 और 21 को चर्चा हुई। इसमें शामिल होने के लिए भारत के जगह जगह से प्रतिनिधि पहुचे थे वो लोग है जो गाय पर काम कर रहे है जिनकी सोच भी हैं। इनमें बाबा रामदास जी का बहुत बड़ा योगदान है। 20 और 21 की चर्चा में महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड सहित कई राज्यों से प्रतिनिधि पहुंचे। इसमें जो निचोड निकला यो निम्न है–

18 प्रश्न समग्रवादी, संपूर्ण क्रांति और 75 वे वर्ष की चुनौतियों के लिए अच्छा विश्लेषण करने के लिए मूलभूत हैं। यह निष्कर्ष रहा कि निराशा और भ्रष्टाचार प्रकृति से हटे हुए जीडीपी के मापदंडों को लेकर यूएनएसीसी, संतों से समृद्धि और पत्रकार प्रेरित अभियान और जड़ से जुड़ने के लिए आल इंडिया पंचायत संगठन इन सभी को मिलकर सलाहकार सेवा बनानी होगी। यह भी निष्कर्ष निकला की अब लोग एलोपैथी, लडाई झगड़ों, एसी से तंग आ चुके हैं। इसके लिए हमें पूरी जीवन शैली बदलनी होगी। जो गाय, अहिंसा, शाकाहार पर्यावरण के बिना संभव नहीं है। अतः सोच का स्तर बढाने के लिए पाठक जी के यहां पर जो नेतृत्वशाला का फैसला हुआ है, उसमें दमदारों की नेतृत्वशाला, या जामवंतों की नेतृत्वशाला के रूप में बढ़ाना पड़ेगा। जो रजत भाई और केतकर जी आए थे, उन्होंने स्मार्ट गांव के बारे में प्रस्तुतिकरण किया। स्मार्ट गांव स्मार्ट पार्क, स्मार्ट सोच, स्मार्ट परिवार स्मार्ट जीवन शैली के बारे में साउथ अफ्रीका में बैठक हुई थी। उस बैठक में प्रसाद जी का अनुभव यह रहा कि केन्या में भी देशी गाय है, लेकिन वहां के लोग केवल समग्रवादी फायदे जानते हैं वहां की गाय भी हमारे यहां की गाय के बराबर ही दमदार असरदार और जानदार और सीधे सूर्य से शक्ति लेती है वहां की गाय भी उतनी ही पूजनीय और व्यावहारिक रूप से फायदेमंद है। हमारे ऋषि मुनियों और वैज्ञानिकों ने देशी गाय का महत्व पेड़ पौधों खाद पानी स्वास्थ्य में समझा और डाक्यूमेंट किया। वहां की गाय केवल दूध और बीफ में ही सिमट कर रह गई है। इस पर पूर्व सासद आरके सिन्हा जी का मानना है कि देशी गाय को पृथ्वी और मातृ शक्ति के साथ जोड़कर संपूर्ण सुधार में आगे लाना ही होगा इसलिए जो संतों का रोल पत्रकारों का रोल है उस पर कार्य किया जाना चाहिए।

फैसलों में यह हुआ कि जिला एडॉप्शन प्रोग्राम पर कार्य करना होगा। कोऑपरेटिव के जो आदेश निकले हैं, उसकी मदद से गांव का विकास करना होगा। हालांकि हमारा ध्यान बाट रिबेट सब्सिडी और पर नहीं है फिर भी अगर सुविधा मिलती है जो जिले के समन्वयक यूएनएसीसी ग्लोबल काफिडरेशन आफ काउ बेस्ड इंडस्ट्रीज अ-सरकार असरकारी स्वाभिमानी सलाहकार सेवा हिमशिखर खबर के साथ जुड़कर बनाए गए हैं इसमें फैसला से लिया गया है कि जिला एडोप्शन प्रोग्राम किया जाएगा। स्कूल कालेज लने और अनं का सदुपयोग जिलों में किया जाएगा। अंत में कमाई कहा से होगी। दान के अलावा स्वाभिमान पर चलना होग। इसलिए जरूरी है कि अब मार्केटिंग सीखा जाए। अगर मार्केटिंग नहीं है तो सब कुछ बेकार है। जिला एकोप्शनको समझे अच्छे लोगों का अभिनंदन करे। जामवत मिशन संतों को जोड़े बाबा बलराम जी और रामदासजी जैसे सतों को ढूंढें। नकारात्मक को छोड़कर जड़ से जुड़कर आगे बढ़ें।

बैंकिंग के लिए मार्तण्ड जी से अनुरोध किया गया मार्केटिंग सभी का विषय है। एम आधारित मार्केटिंग करनी होगी। 5000 तक गाय आधारित सामान घर घर पहुंचाना होगा ऐसी बैठक जिला स्तर पर होगी संपूर्ण काति भाग 2 और विश्व गुरु के लिए स्थानीय स्थानीय स्थानीय लोगों को आगे बढ़ाने के लिए कटियता के लिए 100 करोड़ का प्लान और शुभ लामी योजना में फायदा होना चाहिए बगैर फायदे के काम नही होगा ग्रांट लेने भर से काम नहीं होगा। 1 इसलिए अच्छी गौशालाएं जीसीसीआई के प्रतिनिधि का भी अभिनंदन।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *