आज से शुरू होंगे भीष्म पञ्चक व्रत, मानव जीवन का सही लाभ उठाएं

पंडित हर्षमणि बहुगुणा

Uttarakhand

शालिग्राम शिला की मूर्ति का सिंहासन हाथ में लेकर तुलसी की सात परिक्रमा करवा कर विधिवत विवाहोत्सव पूरा करना चाहिए। तुलसी विवाह कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी व्रत की पारणा वाले दिन रात्रि के प्रथम भाग में ( प्रदोषकाल में) करने का विधान है। यह स्पष्ट है कि यह कृत्य कार्तिक शुक्ल एकादशी- द्वादशी के अतिरिक्त पूर्णिमा तक किसी भी दिन जब विवाह नक्षत्र हो किया जा सकता है। एकादशी द्वादशी को विवाह नक्षत्र नहीं देखा जाता है।

कार्तिक शुक्ल एकादशी से पूर्णिमा तक भीष्म पञ्चक व्रत किया जाता है क्योंकि भीष्म पितामह ने इसे भगवान श्री कृष्ण से प्राप्त किया था अतः इस व्रत को ‘भीष्म पञ्चक’ के नाम से जाना जाता है।यह पांच दिन का व्रत है, व्रती व्यक्ति मौन भाव से स्नान कर देवताओं, ऋषियों व पितरों का तर्पण कर इन मंत्रों से भीष्म पितामह को भी जल की अंजलि प्रदान करें।

वैयाघ्रपदगोत्राय सांकृत्यप्रवराय च ।

*अनपत्याय भीष्माय उदकं भीष्मवर्मणे ।।

*वसूनामवताराय शान्तनोरात्मजाय च।

*अर्घ्यं ददामि भीष्माय आजन्मब्रह्मचारिणे ।।

यथाशक्ति भगवान लक्ष्मीनारायण की मूर्ति बनाकर उनकी षोडशोपचार पूजा अर्चना कर पांच दिनों में पहले दिन भगवान के हृदय का कमलों से, दूसरे दिन कमर का बिल्व पत्र से, तीसरे दिन घुटनों का केतकी के फूलों से, चौथे दिन पैरों का चमेली के फूलों से और पांचवें दिन तुलसी की मंजरियों से सम्पूर्ण विग्रह का पूजन करना चाहिए।

प्रत्येक दिन कम से कम एक माला ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ के मंत्र का जाप करना श्रेयस्कर है, और अन्त में दशांश हवन करना चाहिए। व्रत शक्ति के अनुसार निराहार, फलाहार जैसे भी सम्भव हो किया जा सकता है। व्रत की पारणा में ब्राह्मण को सपरिवार भोजन करवाकर फिर अपने आप भोजन करना चाहिए। यह पवित्र महीना है अतः कार्तिक मास के माहात्म्य का पाठ करना चाहिए।

आज से इस व्रत को प्रारम्भ कर मानव जीवन का सही लाभ लेकर स्वयं पर उपकार करते हुए अन्यों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनकर मानव कल्याण कीजिए। हमारी संस्कृति लोक हितकारी है अतः सनातन धर्म का पालन करते हुए अपनी परम्पराओं को जीवित भी रखना है। हरि प्रबोधिनी एकादशी व्रत की व इगास दीवाली की हार्दिक बधाई एवं मंगलमय शुभकामना करता हूं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *