बड़ी उपलब्धि:एचएनबी विवि की टीम ने नासा प्रारंभिक क्षुद्रग्रह खोज में की मदद, एक खोज रिपोर्ट को आइजेक ने किया स्वीकृत

श्रीनगर

Uttarakhand

राष्ट्रीय वैमानिकी और अंतरिक्ष प्रबंधन (नासा) की साझेदारी में स्पेस जेनेरेशन एडवाइजरी काउंसिल (SGAC) और अन्तर्राष्ट्रीय खगोलीय खोज सहयोग कार्यक्रम ने नवम्बर 2021 में एक चार सप्ताह का विशेष कार्यक्रम – क्षुद्रग्रह (एस्टेरॉयड) खोज कार्यक्रम करवाया, जो 1 नवम्बर 2021 से 26 नवम्बर 2021 तक चला।

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की भारतीय टीम ने इस अनुसंधान कार्यक्रम में भाग लिया था, जिसमें अंतरराष्ट्रीय खगोलीय सहयोग कार्यक्रम (आइजेक) से प्राप्त टेलिस्कोप डेटा का विश्लेषण किया गया। आइजेक कार्यक्रम क्षुद्रग्रहों की खोज के लिए युवा विद्यार्थियों व खगोलविदों के सहयोग से वैज्ञानिक समुदाय की मदद करता है।

टीम सदस्यों का विवरण:
निर्देशक: डॉ. आलोक सागर गौतम, भौतिकी विभाग, हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय

विद्यार्थियों का विवरण:
संजीव कुमार, शोध छात्र (भौतिक विज्ञान)
कर्ण सिंह, शोध छात्र (भौतिक विज्ञान)
महावीर प्रसाद, परास्नातक छात्र (भौतिक विज्ञान)
शिवानी कुलासरी, परास्नातक छात्रा (भौतिक विज्ञान)
प्रवीण कुमार, स्नातक छात्र (पीएमडी)

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की भारतीय टीम ने इस अनुसंधान कार्यक्रम में भाग लिया था, जिसमें अंतरराष्ट्रीय खगोलीय सहयोग कार्यक्रम (आइजेक) से प्राप्त टेलिस्कोप डेटा का विश्लेषण किया गया। आइजेक कार्यक्रम क्षुद्रग्रहों की खोज के लिए युवा विद्यार्थियों व खगोलविदों के सहयोग से वैज्ञानिक समुदाय की मदद करता है।

अभियान के दौरान टीम ने 30 खगोलीय डेटा सेट पर अनुसंधान किया। यह डेटा पैन-स्टारर्स टेलिस्कोप (हवाई विश्वविद्यालय) से प्राप्त होता था, जो कुछ ही घण्टो पहले रिकॉर्ड किया जाता है।

टीम ने एस्ट्रोमैट्रीका सॉफ्टवेयर का उपयोग किया। प्रशिक्षण व सहयोग के लिए अंतरराष्ट्रीय खगोलीय खोज सहयोग कार्यक्रम की टीम के साथ सॉफ्टवेयर से अनुसंधान व अन्य प्रश्नों के लिए ईमेल के माध्यम से मदद ली गई।

अभियान में, गढ़वाल विश्वविद्यालय की टीम ने अपनी 4 खोज की रिपोर्ट भेजी थी, जिसमें से एक को प्रारंभिक क्षुद्रग्रह खोज के रूप में आइजेक द्वारा स्वीकृत किया गया। अब इस खोज पर माइनर प्लैनेट सेंटर (अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ, पेरिस) द्वारा आगे का शोध किया जाना है। यदि इस खोज को माइनर प्लैनेट सेंटर द्वारा भी स्वीकृत कर आधिकारिक लघु ग्रह सूची में दर्ज कर लिया जाए तो गढ़वाल विश्वविद्यालय की टीम इस क्षुद्रग्रह का नाम प्रस्तावित करेगी।

स्वीकृत प्रारम्भिक खोज का विवरण:
ऑब्जेक्ट : P11nYIA
टीम के सदस्य : डॉ. आलोक सागर गौतम, महावीर प्रसाद, संजीव कुमार, कर्ण सिंह, शिवानी कुलासरी, प्रवीण कुमार
संस्थान : हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय
लोकेशन : भारत
स्टेटस : प्रारम्भिक
दिनांक : 1 नवम्बर 2021
लिंक्ड : BCH1913

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