नई दिल्ली
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज असम में गुवाहटी के अमीगांव में जनगणना भवन का लोकार्पण और सशस्त्र सीमा बल (SSB) के भवनों का ई-उद्घाटन किया।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वैसे तो पूरे देश के लिये जनगणना अनेक दृष्टि से महत्वपूर्ण होती है लेकिन असम जैसे जनसांख्यिकी संवेदनशील राज्य के लिए जनगणना का बहुत अधिक महत्व है। गृह मंत्रालय ने तय किया है कि जनगणना को आधुनिक से आधुनिक तकनीक के माध्यम से सांइटिफिक, सटीक और बहुआयामी बनाया जाएगा तथा उसके डाटा के विश्लेषण की सारी व्यवस्था बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि अनुभव सिद्ध डाटा के आधार पर जो निर्णय लिए जाते हैं वह निर्णय परिणाम लक्षित होते हैं। इसलिए अनुभवी सिद्ध डाटा निर्मित के लिए हमने तय किया है कि कोविड़ के कारण रुकी आगामी जनगणना ई जनगणना इलेक्ट्रॉनिक जनगणना होगी। यह 100% परफेक्ट जनगणना होगी जिसके आधार पर देश के आगामी 25 साल के विकास का खाका खींचा जाएगा।
अमित शाह ने कहा कि हमने देश और समाज के नाते से जनगणना को बहुत हल्के से लिया है। जनगणना जनसांख्यिकी, डेमोग्राफिक चेंज, देश के आर्थिक विकास के नक्शे और आर्थिक विकास में पीछे रह गए भौगोलिक क्षेत्र और सामाजिक समूहों को इंगित करती है। साथ ही सामाजिक संरचना में होते बदलाव व भाषा और सांस्कृतिक परिचय भी जनगणना ही कराती हैं। इतनी बहुआयामी कवायद को अब तक जितना महत्व मिलना चाहिए था दुर्भाग्य से वह नहीं मिला।
श्री अमित शाह ने कहा कि हम एक नया सॉफ्टवेयर भी तैयार करने जा रहे हैं और इसके अंदर जन्म-मृत्यु रजिस्टर को भी जोड़ने का प्रावधान किया गया है। आने वाले दिनों में हम इसका भी बहुआयामी तरीकों से उपयोग करने वाले हैं। जन्म होने के साथ ही बच्चे की बर्थ डेट के साथ यह जनगणना रजिस्टर के बैक इंफॉर्मेशन में आ जाएगा और 18 साल का होने के बाद जनगणना रजिस्ट्रार कार्यालय से ही वह मतदाता सूची में मतदाता के रूप में रजिस्टर हो जाएगा। मृत्यु होते ही मतदाता सूची से उसका नाम डिलीट हो जाएगा। आप घर बदलेंगे, नई रजिस्ट्री होगी, आपको एक एसएमएस (SMS) आएगा कि आपने यह घर रहने के लिए लिया है या वहां ट्रांसफर होने वाले हो, आपकी इंफॉर्मेशन के अनुसार ही मतदाता सूची में भी बदलाव हो जाएंगे। उन्होने कहा कि इसमें बहुत अधिक जागरूकता की जरूरत है और हम टेलीविजन चैनल, दूरदर्शन और अखबारों से विनती कर इसके प्रति जागरूकता लाने के प्रयास करेंगे। श्री शाह ने कहा कि नागरिक पंजीकरण प्रणाली सीआरएस में भी 2024 तक 100% रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य रखा है, 2024 तक हर जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन होगा और हमारी जनगणना ऑटोमेटिकली अपडेट हो जाएगी।
गृह मंत्री ने कहा कि आज यहाँ एसएसबी के भी अनेकविद्ध प्रकल्पों का लोकार्पण किया गया है। उन्होने कहा कि एसएसबी सिर्फ बॉर्डर गार्डिंग फोर्स नहीं है जो नेपाल और भूटान की सीमा सुरक्षा करती है बल्कि उसने बहुत लंबे समय तक सीमांत गांवों की संस्कृति का विश्लेषण किया है। एसएसबी के पास इसका बहुत उपयोगी डाटा है। आज एसएसबी के करीब 70 करोड़ के अलग-अलग कामों का लोकार्पण हुआ है, मैं एसएसबी सभी कर्मचारियों को गृह मंत्रालय की ओर से बधाई देता हूं।