हिमशिखर खबर ब्यूरो
नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय सचिव, भारत सरकार भाई कमलानंद ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार का बयान आया है कि गाय और गोमूत्र सरकार की प्राथमिकता में है। कहा कि यदि यह वाकई में सच होता तो बड़ी खुशी की बात होती। लेकिन पवार के इस झूठे बयान से बड़ा आहत हुआ हूं। इस बयान से शरद पवार का असली चेहरा सामने आया है।
भाई कमलानंद ने कहा कि गाय भारतीय किसान के जीवन का अनिवार्य अंग रही है, जिसके बगैर भारतीय गांवों और अर्थव्यवस्था की कल्पना भी अधूरी है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि शरद पवार जैसे नेता जानबूझकर गाय का राजनीतिकरण कर देते हैं। कहा कि असल में यह लोग यह चाहते ही नहीं हैं कि गाय का संरक्षण किया जाए।
भाई कमलानंद ने कहा कि गाय संरक्षण के लिए धरातल पर आज तक काम नहीं हुए हैं। गौमाता सड़को पर दर-दर की ठोकरे खाने को विवश है। कोई कहता हो कि गाय-गोमूत्र के लिए काम किया गया है तो मुझे दिखलाई नहीं पड़ता। इस दिशा में काम किया जाना चाहिए, इसमें कोई शक नहीं है। ऐसे में काम नहीं किया गया है और शरद पवार कह रहे है कि गाय संरक्षण के कार्य प्राथमिकता से किए जा रहे हैं तो यह बेचारी गाय पर डबल मार हुई। गाय को बचाने के लिए काम हुआ ही नहीं और बोल रहे हैं कि गाय संरक्षण हो गया।
भाई कमलानंद ने कहा कि हम लोग उसको पांच लाख रुपए का इनाम देगें, जो यह साबित कर दे कि देश के किसानों के लिए गाय-गोबर के अलावा कुछ और विकल्प है। शरद पवार झूठी बयानबाजी कर गाय का अपमान कर लोगों की आस्था पर ठेस पहुंचाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने शरद पवार को खुली चुनौति देते हुए कहा कि वे यह प्रूफ कर दिखाएं कि गाय और गोमूत्र देश के लिए हितकारी नहीं है। भाई कमलानंद ने कहा कि गाय के नाम पर पाखंड बंद किया जाना चाहिए।
कहा कि पवार के बयान से लगता है कि वे चाहते हैं कि भारत की सभ्यता, मूल आत्मा गाय के साथ अन्याय हो। कहा कि पवार जैसे लोगों ने गाय को गांव और किसान से जुड़ना ही नहीं दिया।
भाई कमलानंद ने कहा कि हमारी पंचगव्य विद्यापीठम ने गाय के पंचगव्य से कैंसर, थैलेसीमिया जैसी बीमारियों का वैज्ञानिक ढंग से ईलाज किया है। कहा पवार को भगवान सद्बुद्धि दे कि कुछ बोलने से पहले भारत की आत्मा को समझने की कोशिश करें। भले ही बुढापे में ही सही।