प्रधानमंत्री मोदी का 5 नवंबर काे केदारनाथ का दौरा भाजपा के लिए कई मायनों में अहम् माना जा रहा है। वहीं इस दौरे से पहले देवस्थानम बोर्ड एक्ट का मुद्दा बढ़ता ही जा रहा है। पिछले दिनों पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत भाजपा नेताओं को जिस तरह केदारनाथ में विरोध झेलना पड़ा, उसके बाद से भाजपा की बैचेनी बढ़ गई है। अब सीएम ने ‘डैमैज कंट्रोल’ करने के लिए खुद ही कमान संभाल ली है।
केदारनाथ।
प्रधानमंत्री की केदारनाथ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा और नाराज तीर्थ पुरोहितों को मनाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी धाम पहुंचे। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया। 5 नवम्बर को प्रधानमन्त्री के केदारनाथ आगमन के लिए की जा रही तैयारियों का भी जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने तीर्थ पुरोहितों और पंडा समाज के प्रतिनिधियों से भी वार्ता की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जन भावनाओं का सम्मान करने वाली सरकार है। तीर्थों के पंडा, पुरोहित और पुजारियों के मान सम्मान को कोई ठेस नहीं पहुंचाई जायेगी। हम सकारात्मक, धनात्मक और विकासात्मक दृष्टिकोण से चारधाम, पंडा, पुरोहित और पुजारी समाज के सम्मान तथा धार्मिक आस्था की गरिमा के सम्मान के लिए तत्पर हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बाबा केदार के प्रति विशेष आस्था और श्रद्धा है। उनका उत्तराखण्ड को दुनिया की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर विकसित करने का विजन है। पूरी दुनिया के लोग यहां आध्यात्मिक शांति के लिए आएंगे। आधुनिक इतिहास में पहली बार इतने बङे पैमाने पर केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। पहले चरण के काम हो चुके हैं। दूसरे चरण के काम शुरू हो रहे हैं। आदि गुरू शंकराचार्य जी की समाधि का लोकार्पण करने के साथ ही उनकी प्रतिमा का भी अनावरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री डाॅ हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल भी थे।