सेंट विंसेंट और द ग्रेनेडाइंस से करों के सूचना के आदान-प्रदान समझौते को मंजूरी

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हिमशिखर ब्यूरो
नई दिल्ली।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत गणराज्‍य तथा सेंट विंसेंट और द ग्रेनेडाइंस के बीच करों के संबंध में सूचना के आदान-प्रदान और संग्रह में सहायता के लिए समझौते संबंधी करार को आज स्वीकृति दे दी है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की यहां हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।

समझौते का विवरण:

i) यह भारत गणराज्य तथा सेंट विंसेंट और द ग्रेनेडाइंस के बीच एक नया समझौता है। अतीत में, दोनों देशों के बीच ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ था।

ii) समझौते में मुख्य रूप से दोनों देशों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान की सुविधा और कर-संग्रह में एक दूसरे को सहायता प्रदान करने का प्रस्ताव है।

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iii) समझौते में विदेश में कर जांच के प्रावधान भी शामिल हैं, जिसके तहत एक देश, दूसरे देश के प्रतिनिधियों को व्यक्तियों का साक्षात्कार करने और कर उद्देश्यों के लिए रिकॉर्ड की जांच करने के लिएअपने क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति दे सकता है। (अपने घरेलू कानूनों की स्वीकार्य सीमा तक)

प्रभाव:

भारत गणराज्य तथा सेंट विंसेंट और द ग्रेनेडाइंस के बीच समझौते से दोनों देशों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने में मदद मिलेगी। इन सूचनाओं में बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा दिए जाने वालेकानूनी और लाभकारी स्वामित्व के बारे में जानकारी भी शामिल होंगी। यह दोनों देशों के बीच कर-दावों के संग्रह मेंभी सुविधा प्रदान करेगा। इस प्रकार, यह विदेश में कर-चोरी और कर से बचने केतौर-तरीकों, जिससे काला धन जमा होता है, से लड़ने की भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा।

पृष्ठभूमि:

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सेंट विंसेंट और द ग्रेनेडाइंस के साथ अतीत में ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ था और भारत लंबे समय से इस समझौते के लिए बातचीत कर रहा था। अंत में, सेंट विंसेंट और द ग्रेनेडाइंस ने भारत के साथ इस समझौते को अंतिम रूप देने पर सहमति व्यक्त की, जो दोनों देशों के बकाया कर दावों के संग्रह के लिए सूचनाओं के आदान-प्रदान व सहायता के माध्यम से दोनों देशों के बीच कर सहयोग को बढ़ावा देगा।

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