हिमशिखर खबर ब्यूरो
मसूरी: भारत सरकार की शीर्ष स्वायत्त संस्था, नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (एनसीजीजी) ने मालदीव के वरिष्ठ सिविल सेवकों के लिए 32वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम का शुभारंभ किया है। 5 फरवरी, 2024 से 9 फरवरी, 2024 तक चलने वाले सप्ताह भर के इस कार्यक्रम में 40 शिक्षाविद् भाग ले रहे हैं। इसके पाठ्यक्रम में भारत मालदीव संबंध, फिनटेक और समावेशन, सार्वजनिक नीति और कार्यान्वयन, प्रशासन में नैतिकता और आपदा प्रबंधन में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना, जलवायु परिवर्तन और जैव-विविधता पर इसके प्रभाव, व्यवहार परिवर्तन प्रबंधन, तटीय क्षेत्र में कृषि-आधारित प्रथाएं, भारत में डिजिटल स्वास्थ्य, नेतृत्व, समन्वय और संचार कौशल, ई-गवर्नेंस और डिजिटल इंडिया, जेंडर और विकास, 2030 तक एसडीजी हासिल करने के दृष्टिकोण संबंधी सत्रों के आयोजन के साथ ही साथ स्मार्ट सिटी परियोजना और सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) देहरादून के दौरे और देहरादून में स्मार्ट स्कूल के दौरे की योजना शामिल हैं।
एनसीजीजी और मालदीव के सिविल सेवा आयोग के बीच हस्ताक्षरित भारत-मालदीव समझौता ज्ञापन की परिकल्पना के अनुसार, एनसीजीजी ने 2019-2024 की अवधि में मालदीव के 1000 सिविल सेवकों को प्रशिक्षण प्रदान कर महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। पिछले 5 वर्षों में क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में स्थायी सचिवों, महासचिवों और उप स्थायी सचिवों ने भाग लिया है। मालदीव के सिविल सेवक प्रौद्योगिकी का उपयोग कर नागरिकों और सरकार को करीब लाने के लिए भारत के प्रमुख कार्यक्रमों और पहलों का अनुभव प्राप्त करके लाभान्वित हुए हैं। पिछले 5 वर्षों में मालदीव में प्रौद्योगिकी अनुकूलन पर अनेक ग्रुप वर्क प्रेजेंटेशन प्रस्तुत की गईं।
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