भारत के लोकपाल के अध्‍यक्ष ने शिकायतों के प्रबंधन के लिए ‘लोकपाल ऑनलाइन’ का उद्घाटन किया

नई दिल्ली

Uttarakhand

भारत के लोकपाल के अध्‍यक्ष न्‍यायमूर्ति पिनाकी चन्‍द्र घोष ने आज शिकायतों के प्रबंधन के लिए डिजिटल प्‍लेटफॉर्म लोकपाल ऑनलाइन का उद्घाटन किया। भारत के सभी नागरिक लोकपाल ऑनलाइन एक्‍सेस कर सकते हैं और किसी भी स्‍थान से किसी भी समय शिकायतें  http://lokpalonline.gov.in. पर दर्ज की जा सकती हैं।

इस अवसर पर न्‍यायमूर्ति पिनाकी चन्‍द्र घोष ने कहा कि अर्थव्‍यवस्‍था की आशा से कम सफलता में भ्रष्‍टाचार महत्‍वपूर्ण तत्‍व है और यह लोकतंत्र तथा विधि के शासन को कमजोर कर देता है। उन्‍होंने कहा कि लोकपाल ऑनलाइन लोकपाल तथा लोकायुक्‍त अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सरकारी सेवकों के विरूद्ध शिकायतों के प्रबंधन के लिए एंड टू एंड डिजिटल समाधान है।

न्‍यायमूर्ति घोष ने कहा कि लोकपाल ऑनलाइन वेब आधारित सुविधा है जो उत्‍तरदायी, पारदर्शी तथा दक्ष तरीके से शिकायतों का निष्‍पादन तेजी से करेगी और सभी हितधारकों को लाभ मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि यह प्‍लेटफॉर्म शिकायत के सम्‍पूर्ण जीवन-चक्र के दौरान यानी शिकायत दर्ज करने से लेकर अंतिम निष्‍पादन तक शिकायतों को देखता है और इससे शिकायत निपटान व्‍यवस्‍था में और अधिक पारदर्शिता और दक्षता आएगी।

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अपने संबोधन में लोकपाल की न्‍यायिक सदस्‍य न्‍यायमूर्ति अभिलाषा कुमारी ने कहा कि लोकपाल का मुख्य उद्देश्‍य भ्रष्‍टाचार की बुराई से देश को मुक्‍त कराना तथा भारत को मजबूत और भ्रष्‍टाचार मुक्‍त बनाना है। उन्‍होंने कहा कि मार्च 2019 में न्‍यायमूर्ति पिनाकी चन्‍द्र घोष भारत के पहले लोकपाल नियुक्‍त किये गए और यह संस्‍था अभी आगे बढ़ रही है। उन्‍होंने कहा कि संपूर्ण पारदर्शिता, दायित्‍व, सुविधातथा कामकाज में दक्षता लोकपाल की विशिष्‍टता है जिसका अंतिम लाभार्थी सामान्‍य आदमी है। उन्‍होंने कहा कि ग्रामीण भारत में भी लोकपाल ऑनलाइन शिकायत पोर्टल के बारे में जागरूकता के लिए कदम उठाए जाएंगे ताकि कोई भी व्‍यक्ति घर बैठे शिकायत दर्ज करा सके।

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सचिव, लोकपाल बी.के. अग्रवाल ने बताया कि न्‍यायमूर्ति अभिलाषा कुमारी ने इस सॉफ्टवेयर के विकास की देखरेख के लिए बनाई गई समिति का नेतृत्‍व किया। उन्‍होंने कहा कि पोर्टल प्रत्‍येक शिकायकर्ता के लिए एक डैश-बोर्ड प्रदान करता है, जिससे शिकायत के जीवन-चक्र तक शिकायतकर्ता अपनी शिकायत की स्थिति देख सकता है। शिकायतकर्ता को शिकायतों के विभिन्‍न चरणों में एक ई-मेल अलर्ट प्राप्‍त होता है और साथ में लोकपाल या इसकी कोई पीठ द्वारा पारित आदेश की प्रति भी होती है।

उन्‍होंने कहा कि एनआईसी क्‍लाउड पर होस्‍ट किए गए इस पोर्टल को ओपन सोर्स टेक्‍नोलॉजी पर विकसित किया गया है। इसकी सुरक्षा जांच इलैक्‍ट्रॉनिक्‍स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सीईआरटी-इन (इंडियन कंप्‍यूटर अमरजेंसी रिस्‍पांस टीम) द्वारा पैनल में शामिल की गई एजेंसी द्वारा की गई है।

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इस डिजिटल प्‍लेटफॉर्म की महत्‍वपूर्ण विशेषताएं निम्‍नलिखित हैं –

  • शिकायतकर्ता के लिए किसी भी जगह से किसी भी समय शिकायत ऑनलाइन दर्ज करने की सुविधा।
  • ई-मेल तथा एसएमएस  के माध्‍यम से प्रत्‍येक चरण में शिकायत से संबंधित उठाये गए कदम के बारे में शिकायतकर्ता को सूचना।
  • किसी भी समय शिकायतकर्ता को शिकायत की स्थिति जानने की सुविधा।
  • शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाती है।
  • सीवीसी, सीबीआईतथा अन्‍य जांच एजेंसियां अपनी रिपोर्टें सीधे तौर पर लोकपालऑनलाइनप्‍लेटफॉर्म पर अपलोड कर सकती हैं।
  • ई-मेल तथा एसएमएस के माध्‍यम से जांच करने वाली एजेंसियों को याद दिलाया जाता है।
  • आवश्‍यकता के अनुरूप एनालिटिकल रिपोर्ट सृजन।

ज्ञात हो की लोकपाल तथा लोकायुक्‍त अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत के लोकपाल संस्‍था स्‍थापित की गई, ताकि इस कानून के दायरें में आने वाले सरकारी कर्मचारियों के विरूद्ध भ्रष्‍टाचार के आरोपों की जांच की जा सके। फिलहाल डाक तथा ई-मेल से भेजी गई या हाथ से दी गई शिकायतें भारत के लोकपाल द्वारा सुनी जाती हैं।

इस अवसर पर भारत के लोकपाल के सदस्‍य अर्चना रामसुन्‍दरम, महेन्‍द्र सिंहतथा डॉ. आई.पी. गौतम, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव पी.के. त्रिपाठी, प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्र, सीबीआई के संयुक्‍त निदेशक अमित कुमार, एनआईसी के डीडीजी दीपक गोयल तथा भारत के लोकपाल के वरिष्‍ठ अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

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