Happy New Year 2022: ‘कैलेंडर बदलें संस्कृति नहीं’

अंग्रेजी नववर्ष जब आता है तो कैलेंडर के सिवाय कुछ नहीं बदलता, परंतु जब विक्रमी हिदू नव वर्ष आता है तो मौसम में परिवर्तन आता है। सर्दी जाने लगती है, गर्मी आने लगती है, स्वागत में पेड़ों पर नव पल्लव फूल फल आने लगते हैं, नई फसलें आती है, नई कक्षाएं लगती हैं, व्यवसाय होता है।

Uttarakhand

हिमशिखर खबर ब्यूरोब्यूरो

पंडित हर्षमणि बहुगुणा

आज अंग्रेजी नववर्ष 2022 का आगमन हो गया है। लोग कड़ाके की ठंड में बेहद गर्मजोशी व उत्साह के साथ देर रात को अंग्रेजी नववर्ष 2022 का अपने अलग-अलग अंदाज में स्वागत करते दिखे ।

प्रत्येक व्यक्ति जीवन के पिछले वर्ष कैसे बीते उसे याद करते हुए नववर्ष को जीवन में एक नई उम्मीद से देखते हुए सकारात्मक ऊर्जा के साथ नए वर्ष की शुरुआत कर रहा है। आज के दिन हर व्यक्ति अपने कष्टों को भूल कर ईश्वर की आराधना करके हर तरफ खुशियों का माहौल बनाने में व्यस्त है।

बहुत लंबे समय से देश में जिस तरह से हर कार्य में अंग्रेजी कैलेंडर प्रचलन में है, जिसके अनुसार 31 दिसंबर का दिन एक वर्ष के अंत होने का सूचक है और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी से ही अंग्रेजी नववर्ष की शुरूआत मानी जाती है। इसलिए ही 1 जनवरी के दिन को भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया के अधिकांश देशों में नववर्ष के शुरू होने के उपलक्ष्य में बेहद हर्षोल्लास के साथ पर्व की तरह मनाना शुरू कर दिया है। हम सभी देशवासी भी अंग्रेजी नववर्ष का दिल खोलकर स्वागत करते हैं, इस दिन हम सभी लोगों को पूजा पाठ करके अपनी रोजमर्रा की दिनचर्या का आरंभ करना चाहिए।

चूंकि हर व्यक्ति के जीवन के लिए साल नया है, इसलिए हर व्यक्ति अपनी नई उम्मीदें, नए सपने, नए लक्ष्य, नए आईडियाज के साथ उसका दिल खोलकर स्वागत करता है। नये साल को पर्व की तरह हर्षोल्लास से मनाने के पीछे मान्यता है कि साल का पहला दिन अगर उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाए, तो साल भर इसी उत्साह और खुशियों के साथ सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ व्यक्ति का जीवन व्यतीत होगा।

आपको जानकारी के लिए बता दें कि हिन्दू पंचांग के मुताबिक नया साल 1 जनवरी से शुरू नहीं होता, यह तो पाश्चात्य सभ्यता की तर्ज पर होता है। देश में हिंदू नववर्ष हर साल चैत्र प्रतिपदा से ही शुरू होता है, इसकी शुरूआत मार्च या अप्रैल माह से ही होती है। हिंदू नववर्ष के पहले दिन को नव संवत्सर भी कहा जाता है, जिसे विक्रम संवत भी कहकर बुलाते हैं। लेकिन अब अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी को नववर्ष मनाने का चलन बहुत तेजी से बढ़ गया है, जिसको सभी जाति व धर्म के लोग मनाने लगे हैं।

नववर्ष हमारे जीवन में एक नई शुरूआत को दर्शाता है और हमेशा बुलंद हौसले के साथ आगे बढ़ते रहने की सीख देता है। पुराने वर्ष में हमने जो भी किया, सीखा, सफल या असफल हुए उससे सीख लेकर, एक नई आशा व उम्मीद के साथ हम लोगों को जीवन पथ पर अग्रसर रहना चाहिए। जिस प्रकार हम पुराने साल के समाप्त होने पर दुखी नहीं होते बल्‍कि नए साल का स्वागत बड़े उत्साह और खुशी के साथ करते हैं, ठीक उसी तरह जीवन में भी बीते हुए समय को लेकर हमें दुखी नहीं होना चाहिए। जो बीत गया उसके बारे में सोचने की अपेक्षा आने वाले अवसरों का तहेदिल से स्वागत करें और उनके जरिए अपने जीवन, समाज व देश को बेहतर बनाने की कोशिश करें।

इस बार नये साल पर हम सभी देशवासियों को संकल्प लेना चाहिए कि नववर्ष 2022 में देश को खुशहाल बनाने के लिए हम सभी देशवासी एकजुट होकर सरकार के साथ मिलकर देशहित के लिए धरातल पर ठोस कारगर पहल करेंगे और देश में खुशहाली के नये आयाम स्थापित करेंगे। नववर्ष 2022 में अपना प्यारा भारत अमनचैन व आपसी भाईचारे के साथ ईश्वर के आशीर्वाद से इस वर्ष सभी देशवासियों के सकारात्मक सहयोग से कामयाबी का नया इतिहास लिखेगा और भारत हर क्षेत्र में तरक्की के नये आयाम स्थापित करके विश्व गुरु बनेगा।

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