चंबा
नगर के बागेश्वर महादेव मंदिर में के मुखारविंद से शिव महापुराण कथा जारी है। छठवें दिन कथावाचक डा. दुर्गेशाचार्य महाराज ने कहा कि ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करो, भगवान आपका भला करेंगे। कहा कि शिवजी की सच्ची आराधना करने से हमारी कुंडली के महापाप भी जलकर भस्म हो जाते हैं और हममें शिवत्व का उदय होता है।
कथा में डा. दुर्गेशाचार्य महाराज ने बताया कि विभिन्न पदार्थों से रुद्राभिषेक करने से विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जीवन को जीने के लिए सांस और भोजन अत्यंत जरूरी है उसी प्रकार इस कलयुग में यदि मोक्ष को प्राप्त करना है तो उसका एकमात्र माध्यम ईश्वर भक्ति है। कहा कि इस चराचर जगत के कण-कण में भगवान शिव विराजमान हैं, इसलिए भगवान शंकर को सदा शिव के नाम से भी जाना जाता है। शिव महापुराण कथा श्रवण करने पर दुख से मुक्ति, जीवन जीने की युक्ति, शक्ति और प्रभु की भक्ति प्राप्त होती है। शिव आराधना से ज्ञान, वैराग्य, क्षमा एवं भक्ति की प्राप्ति होती है। शिव की कृपा से ही सत्संग की समृद्धि मिलती है। कथा में भक्तों को सावन मास में शिव की पूजा-अर्चना करने के कई उपाय व पूजा पद्धति बताई। कहा कि जब भी शिव मंदिर में जाओ तो त्रिपुण्ड अवश्य लगाओ। इससे शिवजी की प्रसन्नता प्राप्त होती है। महर्षि नारद ने शिव प्राप्ति के जो छह सूत्र बताए हैं उसमें यह शामिल है। कथा श्रवण करने वालों में राधाकृष्ण कोठारी, शोभनी धनोला, ओम प्रकाश कोठारी, बाचस्पति कोठारी, राजेश्वर बडोनी, मस्त राम डोभाल, दरमियान सिंह सजवाण, नवजोत तड़ियाल आदि शामिल थे।