चार धाम यात्रा: शीतकाल के लिए बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट

आज विश्‍वप्रसिद्ध श्री गंगोत्री धाम के कपाट बंद हो चुके हैं। अन्नकूट के पावन पर्व पर अपराह्न 11:45 बजे वैदिक मंत्रोच्चार पूजा-अर्चना के साथ विधि-विधान से शीतकाल के लिए बंद हो गए।


हिमशिखर खबर ब्यूरो

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उत्तरकाशी: शीतकाल के लिए विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट के पर्व पर मंगलवार दोपहर 11.45 बजे शीतकाल के लिए विधिविधान से बंद किए गए जिसके बाद मां गंगा की डोली जयकारों के साथ मुखवा के लिए रवाना हुई। केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर को भैयादूज पर बंद होंगे। वहीं शीतकाल के लिए भगवान बदरीनाथ के कपाट 18 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।

विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट बंद करने के मौके पर वेद मंत्रों के साथ मां गंगा की मूर्ति का महाभिषेक किया गया। इसके बाद विधि-विधान के साथ दोपहर 11 बजकर 45 मिनट पर कपाट बंद किए गए, जिसके बाद गंगा की डोली लेकर तीर्थ पुरोहित मुखबा के लिए रवाना हुए। वहीं इस पल के कई लोग साक्षी बने।

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15 नवंबर को मां गंगा की उत्सव डोली 6 महीने बाद अपने मायके मुखबा (मुखीमठ) पहुंचेगी। जहां पर ग्रामीण मां गंगा का स्वागत एक बेटी की तरह करेंगे। वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर को बंद होंगे। वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद मां यमुना के दर्शन खरसाली में होंगे। वहीं इसी दिन 15 नवंबर को सुबह बाबा केदार के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार शीतकाल में दर्शन उखीमठ में होंगे। वहीं 18 नवंबर को भगवान बदरी विशाल के कपाट बंद होंगे। इसके साथ इस साल के लिए चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा।

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