चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और डॉ स्वामीनाथन को भारत रत्न सम्मान, पीएम मोदी ने दी जानकारी

हिमशिखर खबर ब्यूरो

Uttarakhand

नई दिल्ली; केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और पीवी नरसिम्हा राव को सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ देने का एलान किया है। वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भी भारत रत्न देने का एलान किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक्स’ पर इसका एलान किया। इससे पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर और देश के पूर्व उपप्रधनमंत्री लालकृष्ण आणवाणी को भी यह सम्मान देने का एलान हो चुका है। आडवाणी को छोड़कर बाकी चारों हस्तियों को मरणोपरांत यह सम्मान दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक के बाद एक तीन ट्वीट कर के तीनों हस्तियों के बारे में लिखते हुए उन्हें यह सम्मान देने की घोषणा की।

पीएम मोदी ने कहा, हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की। वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे। हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है।

नरसिम्हा राव ने की देश सेवा

पीएम ने अपनी अगली पोस्ट में लिखा कि नरसिम्हा राव ने एक प्रतिष्ठित विद्वान और राजनेता के रूप में विभिन्न क्षमताओं में भारत की बड़े पैमाने पर सेवा की। पीएम ने ये भी लिखा कि प्रधानमंत्री के रूप में नरसिम्हा राव का कार्यकाल महत्वपूर्ण उपायों के लिए याद किया जाएगा। उनके कार्यकाल में भारत को वैश्विक बाजारों के लिए खोल दिया गया था, जिससे आर्थिक विकास के एक नए युग को बढ़ावा मिला।

हरित क्रांति के जनक को भी भारत रत्न

देश में हरित क्रांति के जनक कहने जाने वाले एमएस स्वामीनाथन को भी भारत रत्न देने का एलान किया गया है। पीएम ने पोस्ट में लिखा कि भारत सरकार कृषि और किसानों के कल्याण में हमारे देश में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. एमएस स्वामीनाथन जी को भारत रत्न से सम्मानित कर रही है। उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *