ऊखीमठ।
दुष्टों का संहार करने वाली मां भगवती के दर्शन मात्र से सारे पाप धुल जाते हैं। मां काली अच्छे लोगों को फल व बुरे लोगों को परिणामस्वरूप दण्ड देती है। ऐसा माना जाता है कि आज भी मां काली अपने भक्तों पर अपनी दृष्टि बनाई हुई हैं। मां काली के वैसे तो अनेकों मंदिर हैं लेकिन एक मंदिर ऐसा भी है जहां मां काली स्वंय निवास करती हैं।
जी हां, हम बात कर रहे हैं उत्तराखण्ड में स्थित कालीमठ मंदिर की। इस मंदिर में जितनी मान्यता हैं वहीं इसका रहस्य उतना ही पुराना है। कहा जाता है कि आज भी इस मंदिर में मां काली के होने का ऐहसास होता है। देवभूमि के रुद्रप्रयाग जिले के केदारनाथ की चोटियों से घिरा हिमालय में सरस्वती नदी के किनारे स्थित प्रसिद्ध शक्ति सिद्धपीठ श्री कालीमठ मंदिर स्थित है। यह मंदिर समुद्रतल से 1463 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
बताते चलें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज कालीमठ मंदिर में पूजा अर्चना की और प्रदेश की खुशहाली के लिए कामना की। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने स्थानीय लोगों से भी मुलाकात की।