हिमशिखर खबर ब्यूरो
चंबा (टिहरी) : साफ-सफाई प्रबंधन स्वच्छता, जैव विविधता जल संरक्षण के लिए टिहरी जनपद के चोपड़ियाल गांव और जड़धार गांव के सीने में शानदार कामयाबी का तमगा जुड़ गया है। भारत सरकार के वन मंत्रालय ने इस साल स्वच्छता एवं हरित केटेगरी के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान देने के लिए उत्तराखण्ड के चंबा ब्लॉक के दोनों गांवों को विशिष्ट राष्ट्रीय पंचायत पुरुस्कार देने का फैसला किया है। राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयन होने पर गांव में खुशी की लहर है।
टिहरी जिले के चंबा ब्लॉक के चोपडियाल गांव और जड़धार गांव की तस्वीर बदल रही है। साफ-सफाई और जैव विविधता के मामले में गांव ने राष्ट्रीय पुरुस्कार बटोरा है। भारत सरकार के विशिष्ट राष्ट्रीय पंचायत पुरुस्कार के लिए जनपद के 1034 गांवों ने आन लाइन आवेदन किया था। इसमें पहले विकासखण्ड-जनपद स्तर पर तीन सर्वश्रेष्ठ गावों का चयन कर राज्य और फिर केंद्र को सूची सौंपी गई थी। इसमें उत्तराखण्ड से टिहरी जनपद के विकासखण्ड चंबा के चोपड़ियाल गांव और जड़धार गांव ने अपना स्थान हासिल कर मिशाल पेश की है। बता दें कि इन गावों के घर आंगन और गलिया स्वच्छ है और घर-घर में शौचालय बने हैं। पक्की नालियों के जरिए गये पानी की समुचित निकासी की गई जाती है। खास बात यह है कि दोनों गांव जैव विविधता से भरपूर है। ग्रामीणों ने अपने प्रयासों से अपना जंगल खड़ा किया है। यही कारण है कि इन गांव में प्राकृतिक पेयजल स्रोत से बारह महीने पानी छूटता रहता है। चोपड़ियाल गांव प्रधान सीमा डबराल ने बताया कि गांव में 300 परिवार रहते हैं। ग्रामीणों के पनपाए जंगल की सभी लोग रखवाली करते है। कोई भी जल से अपनी मर्जी से लकड़िया नहीं काट सकता है। गांव पूरा प्लास्टिक मुक्त है। जडधार गांव की प्रधान प्रीति जड़धारी कहती है कि ग्रामीणों के सहयोग से यह सम्मान मिला है। टिहरी के लिए गौरव की बात बताई। उन्होंने ग्रामीणों की कड़ी मेहनत का नतीजा बताया।
कूड़े का होता है सही इस्तेमाल
गांव में जैविक और दिन में एकत्र किया जाता है। फिर जैविक कचरे को एक गड्ढे में कचरे को दवा दिया जाता है। बाद में खाद के रूप में उपयोग किया जा सके। सभी निवासियों को गांव की सफाई में भाग लेना अनिवार्य होता है। साथ ही पहल के लिए बनाई गई है।