नई दिल्ली
भारत में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (आईएफएससी) में वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों को विकसित तथा विनियमित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) को एक एकीकृत नियामक के रूप में स्थापित किया गया है।
भारत जलवायु परिवर्तन से निपटने की कार्रवाई में अग्रणी रहने की आकांक्षा रखता है, जो पेरिस समझौते के तहत इच्छित राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान के प्रति उसकी प्रतिबद्धता में स्पष्ट है। इतने बड़े पैमाने पर जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और शमन कार्यों के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने के लिएअतंर्राष्ट्रीय निवेशकों की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता है। आईएफएससीए, जीआईएफटी-आईएफएससी को टिकाऊ अर्थव्यवस्था के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में देखता है, जो भारत में विदेशी पूंजी को चैनलाइज करने के लिए प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है।
आईएफएससीए ने आवश्यक पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने के अपने प्रयास में सतत वित्त हब के निर्माण के प्रस्ताव की सिफारिश करने और उसके लिए रोड मैप तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।
विशेषज्ञ समिति की अध्यक्षता भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में पूर्व सचिव सी.के. मिश्रा ने की। इस समिति में स्थायी वित्त स्पेक्ट्रम के नेता शामिल हैं, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियां, मानक सेटिंग निकाय, फंड, शिक्षा और परामर्श भी शामिल हैं।