लगातार बढ़ता मानव वन्य जीव संघर्ष चिंताजनक, पीड़ितों को मिले तत्काल राहत : समीर सिन्हा

हिमशिखर खबर ब्यूरो

Uttarakhand

प्रदीप बहुगुणा, देहरादून: केंद्रीय अकादमी राज्य वन सेवा, देहरादून में भारतीय वन सेवा अधिकारियों के लिए मानव-वन्यजीव संघर्ष प्रबंधन पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रमुख वन संरक्षक डॉ. समीर सिन्हा ने कहा कि कि क्षेत्र के अधिकारियों और प्रबंधकों को तीन बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, तत्काल राहत, पर्याप्त राहत और स्थिति का संवेदनशील प्रबंधन।

कार्यशाला में इस बात पर चिंता जताई गई कि मनुष्य और वन्य जीवों के बीच संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है। कहा गया कि जनसंख्या वृद्धि, कृषि विस्तार, बुनियादी ढांचे के विकास, घटते वन और जलवायु परिवर्तन के कारण मानव-वन्यजीव संघर्ष लगातार अधिक, गंभीर और व्यापक होता जा रहा है।

Uttarakhand

ऐसे कई दृष्टिकोण और उपाय हैं जो क्षति या प्रभाव को कम करने, तनाव कम करने, आय और संपत्ति के जोखिमों को दूर करने और स्थायी समाधान विकसित करने के लिए अपनाए जा सकते हैं। ऐसे उपायों की प्रभावी योजना और कार्यान्वयन के लिए प्रभावित समुदायों के सहयोग से, समुदाय के नेतृत्व वाले संरक्षण में अच्छे सिद्धांतों पर विचार करने की आवश्यकता होती है।

Uttarakhand

अकादमी की प्रधानाचार्या मीनाक्षी जोशी ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिन विषयों को शामिल किया जाएगा वे हैं :
सह-अस्तित्व के लिए संघर्ष.
– बंदरों के आतंक का प्रबंधन
– बाघ संघर्ष प्रबंधन में प्रौद्योगिकी की भूमिका।
– मानव-हाथी संघर्ष प्रबंधन।
– कानूनी प्रावधान।
– मानव-वन्यजीव संघर्ष शमन के लिए हरित बुनियादी ढाँचा।
– देश भर में मानव-वन्यजीव संघर्ष प्रबंधन में सर्वोत्तम प्रथाओं पर ज्ञान साझा करना।
उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता अकादमी के निदेशक डॉ.जगमोहन शर्मा ने की। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर मानव वन्यजीव स्थिति की जानकारी दी और कार्यशाला के उद्देश्यों को रेखांकित किया। मीनाक्षी जोशी, अमलेंदु पाठक, पाठ्यक्रम निदेशक और संकाय सदस्यों ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि और प्रतिभागियों का स्वागत किया।

Uttarakhand

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *