चंबा। विश्वविख्यात ज्योतिषाचार्य डा मनोज कुमार गुप्ता ने संतुलित विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रकृति संरक्षण की सनातन भारतीय दृष्टि पर आधारित पर्यावरण अनुकूल नीतियों के निर्माण पर बल दिया। कहा कि पंचभूत तत्वों पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश को महत्व देने वाली भारतीय सनातन संस्कृति प्रकृति पूजक रही है, तो इसके मूल में पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने का वैज्ञानिक आधार है। वे लाडेसर आश्रम की ओर से आयोजित राजतिलक महोत्सव कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
डा मनोज कुमार गुप्ता ने कहा कि हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित कर जीवन जीना चाहिए। आश्रम संचालिका मंजू शेखावत ने कहा कि सनातन धर्म में मानव, पशु और प्रकृति सभी का आदर किया जाता है। पर्यावरण संरक्षण की बात सबसे पहले सनातन धर्म में की गई है। पर्यावरण संरक्षण के संबंध में जितनी जानकारी हमारे वेदों में दी गई है, उतनी दुनिया के किसी अन्य धार्मिक पुस्तक में नहीं। कार्यकम में उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, आदि राज्यों से लोग कार्यकम में पहुंचे।