हिम शिखर ब्यूरो
नई टिहरी। 42 वर्ग किलोमीटर में फैली टिहरी बांध की झील में एक बार फिर पर्यटन कारोबार थम गया है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण बॉर्डर पर सख्ती का असर टिहरी झील पर दिखाई देने लगा है। पिछले कई दिनों से झील किनारे बोट प्वांइटों पर एकदम सन्नाटा सा पसर गया है।
बॉर्डर पर पर्यटकों को कोरोना जांच के नाम पर जबरन रोकने के विरोध में आज बोट यूनियन से जुड़े लोगों ने झील किनारे कोटी कॉलोनी में बोट यूनियन के संरक्षक कुलदीप पंवार के नेतृत्व में प्रदर्शन कर कड़ा विरोध दर्ज किया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कोविड जांच रिपोर्ट के नाम पर पर्यटकों को बॉर्डर पर अनावश्यक परेशान किया जा रहा है। जिस कारण पर्यटकों को अपनी बुकिंग रद्द करानी पड़ रही है। ऐसी स्थिति में वोट संचालकों को बैंक ऋण की किस्त चुकाना मुश्किल हो गया है।
बोट संचालकों का कहना है कि कोरोना जांच सैंपल के नाम पर बॉर्डर पर जबरन पर्यटकों को जबरन रोकना दुर्भाग्यपूर्ण है । कहा बंगाल चुनाव में लाखों लोगों की भीड़ खुद ही जुटाई जा रही है। वहां कोई सैंपल नहीं लिया जा रहा है। उन्होंने सरकार से बोट संचालकों से लाइसेंस फीस न लेने की मांग की है। प्रदर्शन करने वालों में यूथ कांग्रेस के विधानसभा प्रभारी नवीन सेमवाल, मनीष नेगी, प्रदीप पंवार, प्रवीण रावत, शीशपाल कठैत, भूपेंद्र राणा, रणबीर महर, दीपक पंवार, अनूप पंवार सहित बड़ी संख्या में बोट संचालक शामिल रहे।