नई दिल्ली
भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत का बुधवार 8 दिसंबर को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया। हेलीकॉप्टर क्रैश में जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित 13 लोगों की मौत हो गई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज संसद में इस दुर्घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हादसे पर संसद में बयान दिया। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘जनरल रावत वेलिंग्टन के डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज में पहले से शेड्यूल्ड टूर पर थे। कल 11 बजकर 48 मिनट पर उनके हेलिकॉप्टर ने टेक ऑफ किया। उन्हें 12 बजकर 15 मिनट पर लैंड करना था, लेकिन 12 बजकर 08 मिनट पर उनके हेलिकॉप्टर ने ATC (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) से कॉन्टेक्ट खो दिया।
बाद में कुन्नूर के पास जंगल में कुछ स्थानीय लोगों ने आग लगी हुई देखी। जब वे भागकर उस स्थान पर पहुंचे तो उन्होंने मिलिट्री हेलिकॉप्टर के अवशेषों को आग की लपटों से घिरा देखा। प्रशासन से एक बचाव दल उस जगह पर पहुंचा।
टीमों ने क्रैश साइट से सैन्य अधिकारियों को रिकवर करने की कोशिश की। रेस्क्यू के बाद घायलों को वेलिंग्टन के मिलिट्री अस्पताल पहुंचाया गया। यहां CDS रावत और उनकी पत्नी सहित तेरह लोगों की मौत की पुष्टि हो गई।
हादसे में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह गंभीर रूप से घायल हैं। वे वेलिंग्टन के अस्पताल में लाइफ सपोर्ट पर हैं। उनकी जान बचाने की कोशिश जारी है। CDS रावत और उनकी पत्नी का शव आज शाम दिल्ली लाया जाएगा। सेना के सभी अधिकारियों का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा। एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी को कल ही भेज दिया गया था। एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में जांच के आदेश दे दिए हैं।’
मुख्यमंत्री स्टालिन ने दी श्रद्धांजलि
मद्रास रेजिमेंट सेंटर में बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्य अधिकारियों के पार्थव शरीर रखे गए हैं। इस दौरान तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सीडीएस बिपिन रावत और हेलीकॉप्टर क्रैश में जान गंवाने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी।