नई टिहरी।
गाय को राष्ट्र माता घोषित करने की मांग को लेकर भारतीय गौ क्रांति मंच की ओर से प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया। कहा कि देश के करोड़ों लोगों की जन भावनाएं गाय से जुड़ी हुई है। लेकिन केंद्र सरकार के स्तर पर गाय को राष्ट्र माता घोषित करने के लिए कोई भी सार्थक पहल न करना चिंता का विषय है।
ज्ञापन में कहा गया है कि गौ माता भारतीय सनातन संस्कृति की मूल है। 19 सितंबर 2018 को उत्तराखंड और 13 दिसंबर 2018 को हिमाचल विधानसभा में गाय को राष्ट्र माता घोषित करने और उसके सरंक्षण तथा संवद्र्धन करने का संकल्प पारित किया गया था।
गाय का दूध ही नहीं गोबर और गोमूत्र भी उपयोगी है। ग्राम्य जीवन की अर्थव्यवस्था गो पालन पर ही आधारित होती है। गोवंश देश की आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर है। लेकिन केंद्र सरकार गाय को राष्ट्र माता घोषित करने को लेकर गंभीर नहीं है।
प्रधानमंत्री से जन भावनाओं का सम्मान करते हुए जल्द ही गाय को राष्ट्र माता घोषित करने की मांग की। ज्ञापन पर मंच की अध्यक्ष उर्मिला महर, संगीता, देवेश्वरी डोभाल, मनोरमा गुसाईं, बीना रावत, लक्ष्मी देवी, सुवधा चौहान, शांति चमोली व देवेंद्र रावत के हस्ताक्षर है।