परियों के देश के नाम से मशहूर प्रतापनगर ब्लॉक के खैट पर्वत को पर्यटन विभाग पहचान नहीं दिला पा रहा है। यह रहस्यमयी पर्वत रोमांच और पर्वतारोहण के शौकीनों की नजरों से दूर है। यहां पर डेस्टिनेशन योगपीठ विकसित किए जाने की अपार संभावना हैं।
राजेश्वर पैन्यूली (समाज सेवी)
लोक कथाओं में परियों के देश के नाम से मशहूर प्रतापनगर विधानसभा स्थित खैट पर्वत में डेस्टिनेशन योगपीठ विकसित किए जाने की अपार संभावना हैं।
समुद्र तल से 7500 फीट की ऊंचाई पर टिहरी झील से सटा खैट पर्वत अनोखी कहानियों और रहस्यमयी दुनिया अपने आप में समेटे है। मान्यता है कि यह देवियां का सिद्ध स्थान है। इस जगह को परियों (आछरीयों )का स्थानभी कहा जाता है। यहां पर डेस्टिनेशन योगपीठ विकसित करने के अपार संभावना है ।
यहाँ पर प्राकृतिक वातावरण मे योग की क्लास प्रशिक्षित प्रशिक्षकों के माध्यम से 07 दिन से लेकर 90 दिन तक पेड क्लासेस दुनिया भर के लोगों के लिए लगाई जा सकती है। प्रशिक्षित योग प्रशिक्षक के रोजगार के साधन के साथ-साथ स्थानिय लोगों के रोजगार के अभूतपूर्व अवसर भी देगा और दुनिया भर भारतीय-योग की धाक जमा सकते हैं।
ये PPP मोड के साथ-साथ पूर्णता प्राइवेट एंटरप्रेन्योर भी लगा सकते हैं, ज़रूरी धन…
मेरा व्यक्तिगत अनुमान है सिर्फ इस एक माध्यम से लगभग 500 लोगों को सीधे और परोक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होगा, जो पलायन भी रोकने का एक हथियार होगा …सरकार को सिर्फ और सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर और दूसरी मंजूरी देनी होगी, ज़िसकी लागत भी सरकार धीरे -धीरे 5-10 साल मे रिकवरी कर सकती है। योग-पीठ देवीयों के मंदिर से धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उचित दूरी बना करके ही बनाया जाये।
सूबे के मुख्यमंत्री और सांसद टिहरी गढवाल से सादर निवेदन है कि इस दिशा मे सोचें और 21.06.2022 विश्व योग-दिवस के दिन इसकी आधिकारिक घोषणा करें …