हिमशिखर धर्म डेस्क
शारदीय नवरात्र के पहले दिन यानि आश्विन की प्रतिपदा पर आज देवी मंदिरों और घरों में कलश पूजन के साथ ही जवारे (जौ) भी बोए गए। माना जाता है कि नवरात्र में बोए गए जवारे जिन घरों में तेजी से बढ़ते हैं तो मां दुर्गा के आशीर्वाद से उनके घरों में खुशियां और समृद्धि भी उतनी ही तेजी से आती हैं। सिद्धपीठ चंद्रबदनी, सुरकंडा देवी, कुंजापुरी सहित शक्तिपीठों और मंदिरों में जगत् जननी की पूजा-आराधना शुरू हुई। इस दौरान भक्तों ने भी देवी किा पूजन-अर्चन कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
अश्विन की प्रतिपदा से ही शारदीय नवरात्र शुरू हो जाते हैं। नवरात्र के इन नौ दिनों मां में दुर्गा की पूजा-अर्चना पूरे विधि-विधान से की जाती है। काफी संख्या में श्रद्धालु नौ दिन तक व्रत रखते हैं। कहा जाता है कि नवरात्र के दौरान मां का ध्यान, पूजा-अर्चना करने से घर में सुख समृद्धि आती है। नवरात्र में अधिकतर लोगों के घरों में अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित की जाती है। इसी तरह कई घरों में जवारे भी बोए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि घर में बोए गए जवारे भविष्य की किसी बात की ओर संकेत करते हैं।