नई टिहरी।
जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल इवा आशीष श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आज जिला सभागार टिहरी गढ़वाल में जिला बाल श्रम टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई। जिला बाल श्रम टास्क फोर्स द्वारा चारधाम यात्रा के दौरान चलाये गये अभियानों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने गत वित्तीय तीन वर्षों में बाल एवं किशोर श्रम के अन्तर्गत चिन्ह्ति किये गये बच्चों के संबंध में जानकारी ली तथा शिक्षा विभाग के पास आधी-अधूरी जानकारी होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई।
जिलाधिकारी ने सहायक श्रम आयुक्त ऋषिकेश को निर्देशित किया कि बाल एवं किशोर श्रम के अन्तर्गत चिन्ह्ति किये गये बच्चों की सूची शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराकर हर 15 दिन में कृत कार्यवाही की रिपोर्ट लेना सुनिश्चित करें। साथ ही हर तीन माह में जिला बाल श्रम टास्क फोर्स की बैठक आयोजित करवाना भी सुनिश्चित करें। मुख्य शिक्षा अधिकारी टिहरी गढ़वाल के बैठक में उपस्थित न होने पर एवं उदासीनता बरतने के कारण स्पष्टीकरण तलब किया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद को चाइल्ड लेबर फ्री करने हेतु तथा बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतन करने की आवश्यकता है, इसके लिए सभी संबंधित विभाग बच्चों से कोर्डिनेट कर आपसी समन्वय से कार्य करना सुनिश्चित करें। सभी संबंधित थानों के सहायक निरीक्षकों को निर्देशित किया गया कि चाइल्ड लेबर एवं भिक्षावृत्ति के लिए संवेदनशील स्थान यथा शिवपुरी, मुनीकीरेती, ढालवाला, शीशम झाड़ी, तपोवन, धनोल्टी आदि स्थानों में नियमित रूप से कार्यवाही कर चिन्ह्ति बच्चों का शैक्षणिक पुनर्वास व उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराये जाने के निर्देश दिये। साथ ही इन स्थानों पर ऐसे संदिग्ध महिलाएं जो नवजात शिशु/छोटे बच्चों को गोद में लेकर भिक्षावृत्ति कर रही हो, ऐसे संदिग्ध मामलों की जांच कर कार्यवाही करने के निर्देश दिये। एनएच 94 चम्बा-नागणी मोटर मार्ग पर भी चेकिंग करने के निर्देश दिये गये।
सहायक श्रम आयुक्त ऋषिकेश के. के. गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2019-20 से अब तक 647 सर्वेक्षण/निरीक्षण कर 24 बाल/किशोर श्रमिक चिन्ह्ति किये गये, जिनमें 09 बाल श्रमिक एवं 15 किशोर श्रमिक शामिल हैं। 11 में एफआईआर दर्ज की गई तथा नियोजकों से 01 लाख 20 हजार की वसूली गयी। उन्होंने कहा कि 14 वर्ष से कम आयु वर्ग के बालक, बालिकाओं का किसी भी खतरनाक, गैर व्यवसायों या प्रक्रियाओं में तथा 14 वर्ष से ऊपर एवं 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के किशोर श्रमिक का किसी भी व्यवसायों या प्रक्रियाओं में नियोजन निषिद्ध है तथा एक संज्ञेय अपराध है। बाल श्रमिक को नियोजित करने वाले दोषियों को 06 माह से 02 वर्ष की सजा तथा 20 हजार रूपये का अर्थ दण्ड जो 50 हजार रूपये तक हो सकता है। किशोर श्रमिक का खतरनाक प्रक्रियाओं/व्यवसायों में नियोजित करने वाले दोषियों को 02 वर्ष की सजा तथा न्यूनतम 20 हजार का अर्थदण्ड जो 50 हजार तक हो सकता है अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है।
बाल एवं किशोर श्रम सम्बन्धित शिकायत पेंसिल पोर्टल, पुलिस स्टेशन, जिला टास्क फोर्स, श्रम विभाग चाइल्ड लाइन नम्बर 1098 के माध्यम से की जा सकती है।
बैठक में अध्यक्ष बाल कल्याण समिति रमेश चन्द्र रतूड़ी, एसीएमओ डॉ. एल.डी. सेमवाल, हैड कांसटेबल ऑफ पुलिस चम्बा रवीन्द्र सिंह नेगी, टिहरी किशोरीलाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी बबीता शाह, प्रतिनिधि मुख्य शिक्षा अधिकारी अन्नी नाथ, समन्वयक चाइल्ड लाइन जे.पी. बडोनी, सरंक्षण अधिकारी डीसीपीयू विनिता उनियाल, सब-इंस्पेक्टर देवप्रयाग शाहिदा प्रवीन, कीर्तिनगर नीतू रावत, कैम्पटी नीलम, मुनिकीरेती रीना नेगी सहित अन्य संबंधित उपस्थित रहे।