डीएम ने रोका पुनर्वास विभाग के लापरवाह अधिकारियों-कर्मचारियों का वेतन, अब हर दिन होगी पुनर्वास से संबंधित प्रकरणों की सुनवाई

हिमशिखर ब्यूरो

Uttarakhand

नई टिहरी। टिहरी बांध प्रभावित की समस्याओं का समय पर समाधान ना होने पर पुनर्वास निदेशक ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। पुनर्वास विभाग के अधीक्षण अभियंता आर.के. गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते शुक्रवार को पुनर्वास निदेशालय सभागार, नई टिहरी में जिलाधिकारी टिहरी/पुनर्वास निदेशक टिहरी बांध परियोजना नई टिहरी की अध्यक्षता में टीएचडीसी इण्डिया लि. के अधिकारियों एवं पुनर्वास अधिकारियों की पुनर्वास की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रभावित परिवारों के शिकायती प्रार्थना पत्रांे पर समयांतर्गत कार्यवाही ना होने पर पुनर्वास निदेशक द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों के माह सितम्बर 2022 का वेतन रोकने के निर्देश दिए गए हैं तथा संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों को अंतिम चेतावनी देते हुए कार्यशैली में सुधार हेतु एक सप्ताह का समय दिया गया है।

उन्होंने कहा कि बैठक में साम्पाश्विक क्षति की अध्यतन स्थिति के सम्बन्ध में चर्चा की गई तथा प्रबन्धक, पुनर्वास निदेशालय द्वारा अवगत कराया गया है कि ग्राम नकोट में 73 परिवार थे, जिसमें से आर.एल. 835 मीटर तक 34 परिवार कृषि व आवासीय भूखण्ड तथा तथा साम्पाश्विक क्षति से 39 परिवारों को पुनर्वास सुविधा के अन्तर्गत कृषि भूखण्ड आवंटित किये जा चुके हैं, जिसमें 25 भवनों को ध्वस्त किया जा चुका है। 16 भवनों को ध्वस्त किया जाना शेष है। समस्त प्रभावित भूमि टीएचडीसी के नाम इन्द्राज हो चुकी है। ग्राम स्यांसू के सभी पात्र विस्थापितों का पुनर्वास किया जा चुका है। अध्याप्त भूमि टीएचडीसी के नाम इन्द्राज हो चुकी है।

अवगत कराया गया है कि साम्पाश्विक क्षति नीति से ग्राम नन्दगाँव में 24 पूर्ण पात्र प्रभावित व्यक्ति है तथा आंशिक 187 परिवार है, जिसमें से पात्र 24 व्यक्तियों में से 17 व्यक्तियों द्वारा टीएचडीसीइंलि. के पक्ष में रजिस्ट्री/बैनामा की कार्यवाही कर दी गयी है तथा अवशेष भुगतान की कार्यवाही गतिमान है। आर.एल. 835 मीटर तक पूर्व ही 166 आंशिक प्रभावित परिवार पात्र विस्थापन की सुविधा प्राप्त कर चुके हैं। संयुक्त विशेषज्ञ समिति द्वारा आर.एल. 865 मीटर तक प्रभावित माना गया है, जिनकी केवल क्षतिग्रस्त भूमि को बाँध परियोजना/टीएचडीसीइंलि. के नाम की जानी हैं। मात्र 21 परिवारों को क्षतिग्रस्त भूमि पर उनकी परिसम्पत्तियों का भुगतान किया जाना है, जिनकी गणना शीट तैयार की जा रही है।

पुनर्वास निदेशक द्वारा निर्देश दिये गये कि आंशिक प्रभावित प्रत्येक परिवार को संयुक्त विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के अनुसार उनकी प्रभावित भूमि/भवन/वृक्षों आदि के प्रतिकर भुगतान की गणना सीट तैयार कर नोटिस बोर्ड एवं उनके गाँव में भी लगवाना सुनिश्चित करें। पुनर्वास निदेशक ने अधिशासी अभियन्ता पुनर्वास को निर्देशित किया कि ग्राम तिवाडगाँव के परिवारों की माँग के सम्बन्ध में टीएचडीसी द्वारा जो मन्तव्य प्राप्त हुआ है, उसे समिति के अध्यक्ष को उपलब्ध करा दें, ताकि आगामी बैठक में यथोचित निर्णय लिया जा सके।

बैठक में पुनर्वास निदेशक ने टीएचडीसी अधिकारियों से ग्राम भटकण्डा, उठड, खाण्ड धारमण्डल, सिल्ला उप्पू तथा ग्राम गडोली आदि के प्रभावित परिवारों की प्रतिकर धनराशि पुनर्वास निदेशालय की माँग के अनुरूप यथाशीघ्र उपलब्ध करवाने की अपेक्षा की, जिस पर टीएचडीसी अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया गया है कि 10 दिवस के ग्राम खाण्ड धारमण्डल एवं गडोली के पूर्ण पात्र परिवारों के प्रतिकर की माँग के अनुरूप प्रभावितों को धनराशि उपलब्ध करवा दी जायेगी तथा अवशेष ग्रामों के प्रस्तावों पर धनराशि प्राप्त होते ही उपलब्ध करा दी जायेगी।

पुनर्वास निदेशक ने निर्देशित किया कि पुनर्वास स्थल घमण्डपुर एवं अन्य स्थलों पर रिक्त कृषि/आवासीय भूखण्डों का परीक्षण करते हुए लॉटरी की कार्यवाही एक माह के अन्तर्गत करना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही प्रभारी अधिकारी पुनर्वास/एसडीएम टिहरी समय 04 से 05 बजे तक तक प्रतिदिन पुनर्वास प्रकरणों को सुनने तथा निस्तारित करने के निर्देश दिये।

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