पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।
सूर्योदय और चंद्रोदय
सूर्योदय समय | 05:41 पूर्वाह्न |
सूर्यास्त का समय | 06:18 अपराह्न |
चंद्रोदय समय | 03:18 अपराह्न |
चन्द्रास्त समय | 04:09 पूर्वाह्न, 10 अप्रैल |
कैलेंडर
तिथि | द्वादशी रात्रि 10:55 बजे तक |
नक्षत्र | मघा 09:57 AM तक |
तिथि | त्रयोदशी |
नक्षत्र | पूर्वा फाल्गुनी |
योग | 06:26 PM तक गंदा |
करण | बावा सुबह 10:00 बजे तक |
योग | वृद्धि |
करण | बलवा 10:55 PM तक |
काम करने के दिन | बुधवारा |
करण | कौलव |
पक्ष | शुक्ल पक्ष |
चंद्र मास, संवत और बृहस्पति संवत्सर
विक्रम संवत | 2082 कलायुक्त |
संवत्सर | कालायुक्त 03:07 अपराह्न, 25 अप्रैल 2025 तक |
शक संवत | 1947 विश्वावसु |
संवत्सर | सिद्धार्थी |
गुजराती संवत | 2081 नाला |
चन्द्रमासा | चैत्र – पूर्णिमांत |
दायाँ/गेट | 27 |
चन्द्रमासा | चैत्र – अमंता |
रितु और अयाना
द्रिक ऋतु | वसंत (वसंत) |
दिनामना | 12 घंटे 36 मिनट 37 सेकंड |
वैदिक ऋतु | वसंत (वसंत) |
रात्रिमना | 11 घंटे 22 मिनट 23 सेकंड |
ड्रिक अयाना | उत्तरायण |
मध्याह्न | दोपहर 12 बजे |
वैदिक अयन | उत्तरायण |
आज का विचार
मनुष्य के सुखद जीवन के लिए मस्तिष्क में सत्यता, चेहरे पर प्रसन्नता तथा हृदय में पवित्रता जरूरी हैं.!!
आज का भगवद् चिन्तन
भला करें और भूल जायें
यदि आपके द्वारा शुभ कर्मों के बीज बोये जाते हैं तो फल की आशा रहित होकर निश्चिंत हो जायें क्योंकि समय आने पर शुभ बीज के शुभ वृक्ष का शुभ फल ही आपको प्राप्त होने वाला है। जो मनुष्य दूसरों का भला करके भूल जाते हैं उनका हिसाब प्रकृति स्वयं याद रखा करती है लेकिन जो मनुष्य आदतन अपने पुण्यों का बही-खाता लिए फिरते हैं इस प्रकृति द्वारा फिर उनके पुण्य कर्मों को विस्मृत कर दिया जाता है।
अपने पुण्यों के स्वयं ज्यादा बखान करने से भी पुण्यों का फल नष्ट हो जाता है। इस जीवन में जो भी पुण्य कर्म तुम्हारे द्वारा संपन्न किये जाते हैं, सत्य समझ लेना यह प्रकृति निश्चित ही उन्हें संचित कर देती है और आवश्यकता पड़ने पर तुम्हारी विस्मृति के बावजूद भी उनका यथा योग्य फल अवश्य ही दे दिया करती है। भला करो और भूल जाओ उचित समय आने पर प्रकृति आपको स्वयं पुरस्कृत कर देगी।