पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी है, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज आषाढ़ मास की 5 गते है।
जब कोई न मिले तो हनुमान जी को गुरु बना लें
वैसे ता गुरु और शिष्य का सबध श्रद्धा, विश्वास, समर्पण का होता है। लेकिन कभी-कभी ये दोनों भी आमने-सामने हो जाते हैं। जैसे रणक्षेत्र में कृष्ण और अर्जुन एक तरह से आमने-सामने ही हो गए थे। इसमें भी अर्जुन का समर्पण था, और कृष्ण हित की दृष्टि से देख रहे थे।
शिष्य ऐसे प्रश्न पूछता है जैसे मुकाबला कर रहा हो। और गुरु कई बार हार भी जाता है। बल्कि गुरु अधिक बार हारते हैं, शिष्य अधिक बार जीतता है, पर एक बार गुरु जीतता है। और शिष्य की उस हार में ही उसके जीवन की सबसे बड़ी जीत हो जाती है।
कोई गुरु ना मिले तो क्या करें? कहते हैं हनुमान जी को गुरु बना ले। और हनुमान जी को तो बड़े-बड़े लोगों ने गुरु बना लिया था। उसमें से एक भरत भी थे। इसीलिए तुलसीदास जब रामकथा का अयोध्या कांड आरंभ करते हैं तो जो दोहा वहां है, ‘श्री गुरु चरण सरोज रज…’ वही हनुमान चालीसा के आरंभ में भी है।
भरत और हनुमान जी में जो गहरा संबंध है, वो राम कथा में तब दिखता है, जब वाटिका में सनकादि ऋषि जा चुके थे और भाइयों का मन था कि राम से कुछ पूछें, पर संकोचवश पूछ नहीं पा रह थे तब हनुमान जी को देखा। तुलसी लिखते हैं, ‘पूछत प्रभुहि सकल सकुचाहीं। चितवहिं सब मारुतसुत पाहीं।’ सब भाई प्रभु से पूछते सकुचाते हैं, इसलिए सब हनुमान जी की ओर देख रहे हैं।
हनुमान जी की ओर देखने का मतलब ही है कि अब आप गुरु रूप में अपनी भूमिका निभाएं, हमारी मदद करें और हमें प्रभु से जो निकटता-ज्ञान प्राप्त करना है, उसमें मददगार बनें। यही भूमिका गुरु की होती है।
आज का पंचांग
बुधवार, जून 19, 2024
सूर्योदय: 05:24 ए एम
सूर्यास्त: 07:22 पी एम
तिथि: द्वादशी – 07:28 ए एम तक
नक्षत्र: विशाखा – 05:23 पी एम तक
योग: सिद्ध – 09:12 पी एम तक
करण: बालव – 07:28 ए एम तक
द्वितीय करण: कौलव – 07:44 पी एम तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: बुधवार
अमान्त महीना: ज्येष्ठ
पूर्णिमान्त महीना: ज्येष्ठ
चन्द्र राशि: तुला – 11:05 ए एम तक
सूर्य राशि: मिथुन
शक सम्वत: 1946 क्रोधी