आज का पंचांग: योगः कर्मसु कौशलम्: सजग रहें

पंडित उदय शंकर भट्ट

Uttarakhand

आज आपका दिन मंगलमयी है, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज आषाढ़ मास की 8 गते है।

आज का पंचांग

शनिवार, जून 22, 2024
सूर्योदय: 05:24 ए एम
सूर्यास्त: 07:22 पी एम
तिथि: पूर्णिमा – 06:37 ए एम तक
क्षय तिथि: प्रतिपदा – 05:12 ए एम, जून 23 तक
नक्षत्र: मूल – 05:54 पी एम तक
योग: शुक्ल – 04:45 पी एम तक
करण: बव – 06:37 ए एम तक
द्वितीय करण: बालव – 05:58 पी एम तक
क्षय करण: कौलव – 05:12 ए एम, जून 23 तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: शनिवार
अमान्त महीना: ज्येष्ठ
पूर्णिमान्त महीना: ज्येष्ठ
चन्द्र राशि: धनु
सूर्य राशि: मिथुन

सजग रहें

विधाता की अदालत में वक़ालत बड़ी प्यारी है ख़ामोश रहिये कर्म कीजिये आपका मुकदमा ज़ारी है। अपने कर्म पर विश्वास रखिए…..अपने हाथ से हुए “पुण्य” और किसी दुसरे से हुए “पाप” की चर्चा किसी से न करे आपके अपने “चरित्र” की यह “परीक्षा” हैं।

“मत बन बड़ा आदमी छोटेपन का मजा अनूठा होता है,समंदर में मिलने से पहले तक ही, हर नदी का पानी मीठा होता है।” हम जो कमाते है उससे हमारा गुज़र-बसर होता हैं लेकिन हम जो देते हैं उससे हमारा खुशनुमा जीवन बनता हैं।

आप जो दे रहे हैं उसके प्रति सजग रहें क्योंकि देने से आप अपना भविष्य बना रहे हैं। कर्म का नियम सदैव काम करता है…..जो दोगे सो वही पाओगे।

 आज का भगवद् चिन्तन

योगः कर्मसु कौशलम्

शारीरिक योग हमारे शरीर को और आंतरिक योग हमारी आत्मा को स्वस्थता प्रदान करता है इसलिए तन और मन की शुद्धता और स्वस्थता ही योग कहलाता है। योगः कर्मसु कौशलम् अर्थात् कुशलता पूर्वक किया जाने वाला कर्म ही योग है।जो श्रेष्ठ कर्म श्रेष्ठ विधि से करते हुए जीवन के श्रेष्ठत्व की प्राप्ति कराते हुए प्रभु से संयोग का कारण बनते हैं, वही तो योग है।

जिसमें हमारी बुद्धि के साथ-साथ हमारे संपूर्ण शरीर का विकास हो, नैतिकता का विकास हो, हमारी आत्मा का विकास हो और संपूर्ण जीवन का विकास हो सके यही कार्य की कुशलता कहलाती है।श्रेष्ठ कर्मों द्वारा इस जीवन को आनंदमय बनाते हुए नर का नारायण में परिणित हो जाना अथवा जीव का शिव से जुड़ जाना ही वास्तविक अर्थों में योग कहलाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *