हिमशिखर ब्यूरो
इस भागदौड़ भरी जिंदगी में दो पल निकालकर ईश्वर की रचना को निहारिए। यह सोचकर ही बेहद आश्चर्य होता है कि कितनी अद्भुत रचना ईश्वर ने रची है। इस धरा में आपको और हमें निवास करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। जरा आसमान में देखिए सूर्यदेव को जो हमें रोजाना मुफ्त में प्रकाश उपलब्ध कराते हैं, तो कभी निहारिए इन लहलहाते वृक्षों को, जो हमें मुफ्त में प्राणवायु प्रदान करते हैं।
निसंदेह, इंसान अपनी प्रबुद्धता का सहारा लेकर कितना भी समृद्ध क्यों न हो जाए, लेकिन ईश्वर की रचना की तुलना में उसकी प्रबुद्धता सदैव बौनी ही रहेगी। लेकिन अफ़सोस हम प्राकृतिक संसाधनों का सिर्फ दोहन ही कर रहे हैं। अगर समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो निकट भविष्य में स्थिति भयावह हो सकती है, जिसका खामियाज़ा हमारे साथ-साथ हमारी आने वाली पीढ़ियों को भी भुगतना पड़ सकता है, इसलिए प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने की दिशा में प्रयास करने के लिए प्रतिवर्ष 28 जुलाई को ‘विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस’ मनाया जाता है।
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का महत्व
प्रकृति संरक्षण का महत्व आज पहले की तुलना में कहीं अधिक प्रासंगिक हो गया है। यह दिवस इस बात के लिए जागरूक करता है कि एक स्वस्थ पर्यावरण एक स्थिर और स्वस्थ मानव समाज की नींव है। इस दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य उन जानवरों और पेड़ों का संरक्षण करना है जो पृथ्वी के प्राकृतिक पर्यावरण से विलुप्त होने के कगार पर हैंं।
यह दिन मानने का उद्देश्य यह भी है कि लोग प्रकृति के संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें। हमारी धरती मां की रक्षा में संसाधनों के संरक्षण की अहम भूमिका हैै। प्रकृति के विभिन्न घटकों – जल, वायु, मिट्टी, ऊर्जा, वनस्पति, खनिज, जीव-जंतुओं आदि को संरक्षित करके पृथ्वी की प्राकृतिक सुंदरता में संतुलन बनाए रखा जा सकता है।
इस तरह बचाया जा सकता है प्रकृति को
1. पहला कदम है पुनर्चक्रण। यानी ऐसे चीजों का उपयोग किया जाए, जो प्रकृति में खुद से सड़-गल जाते हैं।
2. जल की बचत करें। देखने में आता है कि पानी का दुरुपयोग बड़े पैमाने किया जाता है। रोजाना पानी को बर्बाद करने से बचने की जरूरत है।
3. बिजली की बचत करें। जब आपका काम हो जाए तो बिजली से चलने वाले उपकरणों को बंद कर दें। इस तरह से बिजली की भी बचत होगी और पैसे की भी।
4. पौधे कई तरह से हमें फायदा पहुंचाते हैं। इसलिए ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएं और इस धरती को हरा-भरा बनाएं
5. इधर-उधर कूड़ा फेंकने की बजाय कम्पोस्टिंग करे। इससे दो फायदा होगा। एक तो माहौल में गंदगी नहीं होगी और जब गंदगी नहीं होगी तो बीमारियां कम पैदा होंगी। दूसरा फायदा यह होगा कि कम्पोस्ट खाद मिलेगी जिसका इस्तेमाल फसल या सब्जियों की पैदावार बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।
6. बैटरियां पर्यावरण के लिए काफी खतरनाक हैं। इसलिए बेहतर यह होगा कि ऐसी बैटरियों का इस्तेमाल करें जो दोबारा रिचार्ज हो सकें।
7. धूम्रपान न सिर्फ आपके और आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि यह पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है। आपके आसपास जो लोग खड़े होते हैं, वे भी धुएं से प्रभावित होते हैं।
8. अपने वाहन का जितना हो सके, कम इस्तेमाल करें। वाहनों के कारण भी प्रदूषण और तापमान में बढ़ोतरी हो रही है।
9. लोगों को प्रकृति, पर्यावरण और ऊर्जा संरक्षण के फायदे के बारे में बताएं। उनको ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।