नई टिहरी
सी.ए. श्री राजेश्वर प्रसाद पैन्यूली ने कहा कि टिहरी बांध की झील की परिधि की जद में आने वालेे गांवों में एक पूरी पर्वतीय सभ्यता की बसाहट रही है। ‘‘टिहरी बांध की झील’’ ने तेजी से इस क्षेत्र से जुडे लोगो कि परम्परागत आर्थिक-सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन के ताने-बाने को प्रभावित किया है। यही कारण है की, प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर टिहरी झील के आसपास का क्षेत्र प्रताप नगर तहसील सहित लंबे समय से संतुलित आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के उपायों को लेकर चर्चा का विषय बना रहा हैं।
पैन्यूली ने यहाँ जारी एक बयान में कहा कि टिहरी बांध की झील के आसपास के प्रभावित क्षेत्र को ‘बहुस्तरीय आविजिका कार्यक्रमों’ से जोड़े जाने की जरुरत लम्बे समय से महसूस की जा रही है। ‘समेकित ऑर्गेनिक फार्म’ की परिकल्पना की व्यवहारिकता को टिहरी बांध की झील के आसपास के क्षेत्र के विकास के सन्दर्भ में समझने के लिये अन्य राज्यों में किये जा रहे इस प्रकार के प्रयोगो का अध्ययन, विकसित ऑर्गेनिक-फार्मस् क्षेत्र के षैक्षणिक भ्रमण और सामाजिक उ़द्यमियों के अनुभवो के आधार पर, हम इसे एक ‘‘लाभकारी आजीविका कार्यक्रम’’ के रुप में विस्तार दे सकतें हैै।
पैन्यूली ने आगे जानकारी देते हुवे बताया कि, इस प्रक्रिया में सरकार व प्रषासन से किस प्रकार के सहयोग की अनुमति की जरुरत पड़ेगी। आवष्यक धन की क्या व्यवस्था हो सकती है आदि के विषय में जानकारी सहित ‘‘राज्य सरकार को मुख्यमंत्री सहित सम्बन्धित विभागो के मंत्रालयों को भी विचार हेतु अनुरोध पत्र भेेजा गया है’’।
कहा कि मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल प्रभारी टिहरी गढ़वाल व मंत्री सुबोध उनियाल – वन व तकनीकी षिक्षा, के संज्ञान में भी, क्षेत्र हित में ‘समेकित ऑर्गेनिक फार्म’ के विचार को पर्यावरणिय संन्तुलन के साथ ही विकास की निरन्तरता के लिये लाभकारी मानते हुवे ‘‘आवष्यक कार्यवाही’’ हेतु पत्र भेजा गया है।
साथ ही प्रधानमंत्री कोे विषय की जानकारी सहित ‘आवष्यक निर्देष’ के विषेष अनुरोध’ सहित पत्र भेजा गया है।
सरकार को भेजे गये पत्र में, संक्षेप में मुख्य रुप से निम्न बातो का उल्लेख, संलग्नक के साथ किया गया है, जिसकी जानकारी ‘‘प्रेस ’’ के साथ साझा कर रहा हूॅ।
सरकार “समेकित जैविक खेती- टिहरी झील ऑर्गेनिक फार्म” परियोजना को पर्वतिय क्षेत्रों के ‘‘सतत विकास के समेकित माडल’ पर विचार कर प्रषासनिक अनुमति प्र्रदान करे।
सामाजिक उद्यमी आर. के. सिन्हा, जो की भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और प्रसिद्ध इंडियन पब्लिक स्कूल, देहरादून के सस्थापक भी। उनके द्वारा सफलता पूर्वक विकसित ऑर्गेनिक-फार्म के सफल प्रयोगो को देखते हुवे इस परियोजना का “ब्रांड एंबेसडर” मनोनीत किया जाए।
ऽ परियोजना के लिये अतिरिक्त धन की व्यवस्था के लिये “ब्रांड एंबेसडर की इमेज’’ और ‘‘बाजार की उपलब्धता’’ पर फोकस करे।
अपनी बात को स्पष्ट करते हुवे पैन्यूली ने आगे कहा कि, यह तो तय है कि प्रस्तावित टिहरी झील के आसपास के क्ष्ेात्र को पुर्ण रुप से जैविक फार्म के रुप में बदलने की राह आसान नही होगी। इसके लिये जरुरी होगा कि पहले आसपास के 10 से 12 गॅावो को चिन्हित कर के कार्य षुरु किया जाये। जिसमें उत्पादन से लेकर मार्केटिग तक की सभी व्यवस्था ‘‘परियोजना’’ ़के सहयोग से किया जाये।