हिमशिखर खबर ब्यूरो
नई टिहरी।
टिहरी जनपद के आगराखाल के व्यापारियों ने सरकारी तंत्र को आईना दिखाया है। दरअसल, दिसंबर माह की इस कड़ाके की ठंड में आगराखाल में निराश्रित बेजुबान खुले आसमान के नीचे ठिठुरने को मजबूर थे। ऐसे में व्यापारियों ने खुद ही ऐसे गोवंश को ठंड से बचाने के लिए तिरपाल का शेड बनाकर एक नई पहल की है। यही कारण है कि हाईवे से गुजरने वाले लोग इस नेक काम को देखकर व्यापारियों की खूब प्रशंसा कर रहे हैं।
दिसंबर माह में इन दिनों रात्रि में कड़कड़ाती ठंड पड़ रही है। ऐसे में चंबा-ऋषिकेश राजमार्ग पर आगराखाल में बेसहारा गोवंश हाड़कंपाती ठंड में खुले आसमान के नीचे ठिठुरने को मजबूर थे। जब इन बेसहारा गायों के लिए सरकारी तंत्र की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई तो खुद आगराखाल के व्यापारियों ने इन गोवंश की निःस्वार्थ सेवा करने का बीड़ा उठाया।
व्यापारियों ने खुद ही आपस में पैसे एकत्रित किए और गायों के लिए आसरा बनाने के लिए तिरपाल और अन्य सामग्री खरीदी। हाईवे पर बाजार के निकट ही तिरपाल का एक अस्थायी शेड बना दिया है। अब इस तिरपाल में आगराखाल में सड़कों पर घूमने वाली बेसहारा गोवंश को शीतलहर और बारिश से बचाव हो रहा है। व्यापार मंडल आगराखाल डाॅ डीएन रतूड़ी, महामंत्री विकास रावत, पूर्व प्रमुख वीरेंद्र कंडारी, सुरेन्द्र कंडारी, वीर सिंह रावत, शांतुन कंडारी के विशेष प्रयासों की सभी सराहना कर रहे हैं।
व्यापारी खुद ही जुटा रहे चारा-पानी की व्यवस्था
आगराखाल में निराश्रित गोवंश के लिए आसरा बनाने के साथ ही चारा-पानी की भी व्यवस्था हो रही है। इसके लिए व्यापारी खुद ही घास-पानी की व्यवस्था भी कर रहे हैं। व्यापारी सुरेन्द्र कंडारी ने बताया कि व्यापारियों के द्वारा ही बेसहारा गोवंश के लिए चारा-पानी की व्यवस्था की जा रही है।
अन्य स्थानों पर भी की जा सकता है यह पहल
गोवंश संरक्षण के लिए बने नियम-कानून फाइलों में कैद होकर रह गए हैं। यही कारण है कि ठंड बढ़ने के बावजूद अभी तक उनके संरक्षण के लिए ठोस प्रयास नहीं किए गए हैं। व्यापारी सुरेन्द्र कंडारी कहते हैं कि दूध देना छोड़ देने के बाद लोग गाय को सड़कों पर छोड़ देते हैं। ऐसे गोवंश का संरक्षण किया जाना चाहिए। कहा कि जनपद के अन्य बाजारों के व्यापारियों को भी इस तरह के प्रयास करने चाहिए, जिससे गोवंश को ठंड से बचाया जा सके।
Jaigurudev
Jaigurudev Hari om
Sadhu vad jaigurudev Hari om