जल संरक्षण की मिसाल: बिनिता ने सूख पड़े जल स्रोत को किया संरक्षित

गजा

Uttarakhand

डीपी उनियाल

विकासखंड चम्बा के मखलोगी पट्टी के नकोट गांव में जल संरक्षण के लिए प्रयास किए तो ” जहां सूखा पड़ा था धारा, वहां बहने लगी जल धारा।” नकोट गांव की प्रधान बिनिता मखलोगा ने सूखे पड़े जल स्रोतों को संरक्षित करने का प्रयास किया।

नकोट गांव के प्राकृतिक जल स्रोत नकोट थानबेमर व नकोट क्यारी सड़क निर्माण के समय मलवा आने से दब कर पानी नहीं मिल रहा था। पूर्व प्रधान दौलत सिंह मखलोगा ने बताया कि गांव के लिए पाइप लाइन दिवाडा गदेरे से आ तो रही है लेकिन उस स्रोत पर गर्मियों में पानी की मात्रा कम हो जाती है साथ ही प्राकृतिक जल स्रोतों पर भी पानी नहीं मिल रहा था । इसके लिए प्रधान ने विगत साल से ही स्रोत के ऊपर पेड़ों को काटने से बचाया तथा मलबा हटाने के लिए दीवार लगवाई गई।

जल संरक्षण के लिए एक स्रोत पर टंकी निर्माण कार्य पूरा किया गया ताकि बूंद बूंद पानी रात भर इकठ्ठा हो सके तथा दूसरे स्रोत पर मिट्टी पत्थर हटाकर पानी की बूंद बूंद धाराओं को मिलाकर जल धारा निकाल कर गांव वालों को पानी की किल्लत से बचाया । अब गांव के लोग पहले की तरह ठंडा पानी ले जा रहे हैं। बिनिता मखलोगा कहती हैं शादियों में दुल्हन धारा पूजन करती हैं लेकिन अब नल पूजन हो रहा है। इसलिए जल ही जीवन है के लिए जल संरक्षण भी जरूरी है।

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