पर्यावरण पर पहली भारत-जापान उच्च स्तरीय नीति वार्ता का आयोजन किया गया

नई दिल्ली

Uttarakhand

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव और जापान के पर्यावरण मंत्री कोइज़ुमी शिनजिरो के बीच पहली भारत-जापान उच्च स्तरीय नीति वार्ता आज वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई। इस बैठक में वायु प्रदूषण, सतत प्रौद्योगिकियां और परिवहन, जलवायु परिवर्तन, समुद्री कचरे, फ्लोरोकार्बन्स और सीओपी-26, आदि मुद्दों पर चर्चा की गई।

बैठक में भूपेंद्र यादव ने पर्यावरण पर भारत-जापान द्विपक्षीय सहयोग के महत्व को स्वीकार किया और भारत में नई प्रौद्योगिकियों को लाने में जापान द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला।

भूपेंद्र यादव ने कहा कि भारत और जापान विशेष रूप से चक्रीय अर्थव्यवस्था और संसाधन दक्षता, कम कार्बन उत्सर्जन की प्रौद्योगिकी, हरित हाइड्रोजन, आदि पर द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के बारे में पता लगा सकते हैं।

कम कार्बन उत्सर्जन प्रौद्योगिकी पर जापान की विशेषज्ञता और प्रौद्योगिकी को देखते हुए, पर्यावरण मंत्री ने जापान से उद्योग  परिवर्तन के लिए नेतृत्व समूह में शामिल होने पर विचार करने का भी अनुरोध किया, जो भारत और स्वीडन के नेतृत्व में एक वैश्विक पहल है।

जापान के पर्यावरण मंत्री कोइज़ुमी शिनजिरो ने उल्लेख किया कि दोनों देश संयुक्त क्रेडिट तंत्र (जेसीएम), कॉलीज़न फॉर डिज़ास्टर रिज़िलेंस इंफ्रास्ट्रक्चर (सीडीआरआई) के लिए गठबंधन के माध्यम से द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत कर सकते हैं और जी-20 द्वारा समर्थित क्षेत्रों में विशेष रूप से जलवायु, पर्यावरण और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग का पता लगा सकते हैं।

दोनों पक्ष पर्यावरण पर द्विपक्षीय सहयोग को और सुदृढ़ करने और जेसीएम पर चर्चा को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए।

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