नई दिल्ली।
स्वामी राम तीर्थ मिशन, दिल्ली की रानीबाग शाखा के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में सम्पन्न होने वाले दो दिवसीय वेदान्त सम्मेलन के पहले दिन आज पवित्र वेदमंत्रों द्वारा किए गए होम के बाद उपस्थित राम प्रेमियों को संबोधित करते हुए आचार्य काका हरिओम् ने पूज्या माता मेलां देवी जी का स्मरण किया। विदित हो कि माताजी ने अपने स्वर्गीय पुत्र सुदेश मल्होत्रा की स्मृति में यह भूमि, जिस पर गोविन्द धाम का निर्माण हुआ है, मिशन को दान रूप में दी थी तथा सत्संग भवन का निर्माण भी करवाया था। सन् 1977 में इस पवित्र तीर्थ की स्थापना मिशन के तत्कालीन परमाध्यक्ष स्वामी गोविन्द प्रकाश जी महाराज के करकमलों से हुई थी। उस दिन तारीख थी 21 फरवरी तथा तिथि थी बसन्त पंचमी-उत्साह, उमंग प्रसन्नता तथा उल्लास का प्रतीक पर्व। तब से प्रत्येक वर्ष इसे मनाया जा रहा है ।
काकाजी का कहना था कि जीवन में आनन्द यदि चाहिए तो विद्या की देवी मां सरस्वती की उपासना करनी होगी। मिशन इसी पर विशेष रूप से बल देता है।
इस अवसर पर डॉ. स्वामी शिवचन्द्र दास जी महाराज ने शरणागति के महत्व को समझाते हुए बताया कि शास्त्र जहां स्वधर्म के पालन पर जोर देते हैं, वहीं उनका संदेश है कि सर्वधर्म का परित्याग करके परमात्मा की शरण में हो जाया जाए। इसी में जीव का कल्याण है। बताया कि कल इस आयोजन की पूर्णाहुति होगी।
कार्यक्रम प्रातः 10 बजे शुरू होगा। स्थान रहेगा स्वामी रामतीर्थ मिशन, मेन मार्केट, गुरुद्वारा रोड, रानीबाग, दिल्ली।