महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती सुबह-सुबह होती है, जिसमें शामिल होने के लिए देशभर से आने वाले श्रद्धालु एक दिन पहले ही देर रात को ही मंदिर पहुंच जाते हैं। इसके बाद आरती सुबह 6 बजे तक संपन्न होती है। इसी वजह से मंदिर समिति भस्म आरती में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अल्पहार की व्यवस्था करने जा रही है।
सुबह 6 से 8 बजे तक मिलेगा चाय-नाश्ता
मंदिर समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि देर रात से मंदिर आने वाले श्रद्धालु भस्म आरती दर्शन के लिए सुबह तक मंदिर में भूखे-प्यासे ही बैठते हैं, यही वजह है कि मंदिर समिति अब गुरुवार से नई व्यवस्था शुरू करने जा रही है। इसके मुताबिक हर दिन सुबह 6 से सुबह 8 बजे तक 2000 से ज्यादा श्रद्धालुओं को चाय-नाश्ता बांटा जाएगा।
दानदाता के जरिए होगी व्यवस्था
गुरुवार से शुरू हो रही इस व्यवस्था के दौरान सप्ताह के सातों दिन अलग-अलग मेन्यू रहेगा। चाय, पोहा, खिचड़ी समेत ऐसी अन्य चीजें जो सुबह के नाश्ते में उपयोगी रहेंगी, उनका भक्तों में वितरण किया जाएगा। यह व्यवस्था दानदाता के सहयोग से चलेगी।
श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति की तरफ से अलग-अलग प्रकल्प के साथ ही नि:शुल्क अन्न क्षेत्र का संचालन भी किया जाता है। अन्न क्षेत्र में प्रतिदिन सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के प्रसाद स्वरूप भोजन प्रसादी दिया जाता है।
रोजाना लगेगा 50 लीटर दूध
भस्म आरती में हर रोज लगभग 2000 श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। नई व्यवस्था के अनुसार इनके लिए सुबह 6 बजे चाय बनकर तैयार रहेगी। इसके लिए 50 लीटर दूध लगेगा। साथ ही नाश्ते के लिए रोजाना 40 किलो पोहा लगेगा। नाश्ता बनाने के लिए रात 2 बजे से एक नई शिफ्ट में कर्मचारी आएंगे। अब तक अन्न क्षेत्र में सिर्फ दो शिफ्ट में 40 कर्मचारी खाना बनाने आते थे। लेकिन गुरुवार से यहां तीन शिफ्ट में रात 2 बजे से सुबह 8 बजे तक, सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक और 2 से रात 9 बजे तक काम होगा।
नाश्ते के लिए टोकन मिलेंगे
महाकाल मंदिर समिति नाश्ते के लिए बाकायदा टोकन बांटेगी। इसके लिए चार काउंटर तैयार किए जा रहे हैं। इनमें से दो अन्न क्षेत्र में और दो महाकाल परिसर में लगेंगे। भस्म आरती सम्पन्न होने के बाद श्रद्धालु सीधे परिसर में लगे काउंटर से टोकन लेकर अन्न क्षेत्र पहुंच सकते हैं।
2 वर्ष पुराना है प्रस्ताव
महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं को गुरुवार से नाश्ते के रूप में मिलने वाले चाय, पोहा और खिचड़ी को लेकर 2019 में भी प्रस्ताव आया था, लेकिन कोरोना काल में लगे प्रतिबंधों के चलते महाकाल मंदिर को भी बंद करना पड़ा। इसके बाद से ही इस व्यवस्था को शुरू करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे थे। अब 28 अप्रैल से अन्न क्षेत्र में श्रद्धालुओं को नाश्ता मिलने लगेगा।