गंगा दशहरा विशेष: गंगा में पवित्र डुबकी लगाने से मिल जाती है इन 10 तरह के पापों से मुक्ति

ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन मां गंगा पापों को नाश करके प्राणियों का उद्धार करने के लिए धरती पर अवतरित हुई थीं. इस बार यह शुभ तिथि आज 9 जून दिन गुरुवार को है.


हिमशिखर खबर ब्यूरो

Uttarakhand

गंगा दशहरा के दिन संभव हो तो गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए. कहा जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से 10 तरह के पापों से मुक्ति मिलती है. इसमें 3 दैहिक, 4 वाणी और 3 मानसिक पाप शामिल हैं. इसलिए हिंदू धर्म में कहा जाता है कि मनुष्य को जीवन में एक बार गंगा में स्नान जरूर करना चाहिए और इसके लिए गंगा दशहरा का दिन बेहद शुभ है.

संख्या 10 का महत्व

गंगा दशहरा ज्येष्ठ माह की दशमी के दिन पड़ता है और इस दिन संख्या 10 का विशेष महत्व है. कहते हैं कि इस दिन जो लोग गंगा में स्नान करते हैं उनके सभी पाप धुल जाते हैं. गंगा स्नान के बाद दान भी करना चाहिए. इस दिन पानी, मटका, पंखा, खरबूजा, आम और चीनी आदि का भी दान किया जाता है. लेकिन ध्यान रखें कि दान की जाने वाली वस्तुओं की संख्या 10 होनी चाहिए.

गंगा स्नान से धुलते हैं 10 तरह के पाप

गंगा मैय्या को बहुत ही पवित्र माना गया है. मान्यता है कि गंगा स्नान मात्र से व्यक्ति के तमाम पाप धुल जाते हैं. शास्त्रों में गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान का महत्व बताते हुए 10 तरह के पाप मिटने की बात कही गई हैं. इन 10 तरह के पापों को तीन तरह के वर्गों में बांटा गया है.
दैहिक पाप : किसी की वस्तु को बिना अनुमति के रखना, निषिद्ध हिंसा, इन पापों को दैहिक पाप माना गया है.
वाणी पाप : किसी को कटु वचन कहना, झूठ बोलना, चुगली करना और वाणी द्वारा मन को दुखाना. ये चार तरह के पाप वाणी से होने वाले पाप हैं.
मानसिक पाप : दूसरे के धन को लेने का विचार करना, मन से किसी का बुरा सोचना और असत्य वस्तुओं में आग्रह रखना. ये तीन गलत विचार मानसिक पाप माने गए हैं. मान्यता है कि गंगा स्नान से सभी तरह के पाप धुल जाते हैं.

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