हिम शिखर ब्यूरो
हरियाणा
यहां गजूवाला गांव के लोगों ने गौ माता का पहला जन्मदिन धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर ग्रामीणों ने गौमाता के बछड़े का पूजन कर रोली चावल से गौ माता का माल्यार्पण कर केक काटा। इस अनूठे कार्यक्रम की पूरे क्षेत्र में चर्चा रही।
लोग अपने बच्चों का जन्मदिन तो बड़े धूमधाम से मनाते हैं। लेकिन यह पहला अवसर होगा कि गाय माता के बछड़े का पहला जन्म दिन नए प्रकार से मनाकर गोवंश संरक्षण की नई पहल की गई। इस दौरान गांव के सरपंच ने बछड़े का रोली और अक्षत से पूजन किया। इसके बाद केक काटकर जन्म दिन सेलिब्रेट किया गया। इतना ही नहीं बछड़े को बच्चों की तरह जन्म दिन की टोपी भी पहनाई गई।
लोगों का कहना है कि इस प्रकार के आयोजनों से लोगों के बीच गौमाता के प्रति दया व प्रेम की भावना जागृत होगी। कहा गया कि हमें अपने बच्चों की तरह गौवंश की सेवा करनी होगी।
गाय में है समस्त देवी-देवताओं का निवास
भारतीय समाज में गाय को गौमाता कहा जाता है। उसके शरीर में समस्त देवी-देवता और तीर्थ निवास करते है। गाय के गोबर में श्रीलक्ष्मी और गौमूत्र में श्री गंगा जी का वास है। इन सब मान्यताओं के बावजूद भी हमारे देश में गाय की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। गाय के प्रति हमारा पूज्यभाव तो है, लेकिन प्रियभाव नहीं है। गौपालन शास्त्रीय तरीके से नहीं हो रहा है। वेदों में स्पष्ट लिखा है कि गौ रुद्रों की माता और वसुओं की पुत्री है। जो पुण्य अश्वमेध् या अनेक यज्ञों को करने से मिलता है, वह पुण्य मात्र गौ माता की सेवा करने से ही प्राप्त हो जाता है।