डा कमल टावरी बोले- गौ संरक्षण में सहायक होगा गौ टेक एक्स्पो

हिमशिखर खबर ब्यूरो

Uttarakhand

गुजरात : गौ आधारित उद्यिमयों की प्रोत्साहित करने के लिए राजकोट के रेसकोर्स ग्राउंड में 24 से 28 मई तक गऊ टेक एक्सपो 2023 के (गौ आधारित वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन और प्रदर्शनी) का आयोजन किया गया। ग्लोबल कन्फेडरेशन आफ कार बेस्ड इन्स्टीज (जीसीसीआई) के इस आयोजन में गुजरात, उत्तराखण्ड समेत देशभर से उद्यमियों ने भाग लिया। इन उद्यमियों ने गाय आधारित उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई। इसमें गोबर से बने प्लास्टर, ईंट, प्लाइवुड, पेंट, कागज समेत अन्य वस्तुओं का समावेश किया गया।

पूर्व केंद्रीय सचिव स्वामी कमलानंद (डा कमल टावरी) ने एक भेंट में बताया कि जीसीसीआई के संस्थापक एवं राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के पूर्व अध्यक्ष बल्लभ भाई कथीरिया के आग्रह पर वे कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। गौ टेक एक्स्पो के तहत राजकोट में विभिन्न विषयों के साथ सेमिनार, गौ आधारित थीम पर सांस्कृतिक कार्यकम और विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में गौ आधारित उद्योगों से जुड़ी मशीनरी, तकनीक समेत उत्पादों की प्रदर्शनी की गई। इससे औद्योगिक विकास के लिए नई संभावनाएं खुलेंगे। गो टेक एक्सपो में गौमूत्र से बनने वाली फिनाइल, साबुन, कीटनाशक के अलावा गोबर से बनने वाली अन्य जीवन जरूरी चीजों समेत सजावट की वस्तुओं की प्रदर्शनी भी लगाई गई।

Uttarakhand

डा कमल टावरी ने कहा कि उत्तराखण्ड के पहाड़ी इलाके में बद्री नस्ल की गाय पाई जाती है। बद्री गाय का घी दूसरे गायों की तुलना में बेहद खास है आम गायों की अपेक्षा बद्री गाय के दूध में ए-2 प्रोटीन के अलावा अन्य पोषक तत्वों की उपलब्धता के साथ कई रोगों से बचने के लिए इसका घी और दूध सेहत के लिए जरूरी है। बद्री गाय के दूध में पाए जाने वाला ए-2 प्रोटीन सेहत को भी तदुरूस्त रखता है। लेकिन बद्री गाय की उपयोगिता को लोग भूलते जा रहे हैं। जिस कारण बद्री गाय लोगों के घरों-खेतों की जगह सड़कों पर देखी जा सकती है। ऐसे में जरूरत है कि यदी गाय का संरक्षण किया जाए। इसके लिए पहाड़ के 1000 से अधिक वीरान हो चुके गांवों का बद्री गाय के गांव घोषित किए जाने चाहिए। कहा कि ग्रामोद्योग, पलायन आयोग, गो आयोग और को ओपरेटिव के साथ मिलकर गाँव में स्वरोजगार के नए अवसर खुल सकते हैं।

Uttarakhand

डा. कमल टावरी ने आगे बताया कि गो टेक एक्सपो में गो विज्ञान के गूढ़ रहस्यों पर मंथन किया गया। यह गो संरक्षण की दिशा में लाभकारी सिद्ध होगा। देशभर की गौशालाओं और उनसे जुड़े उद्यमियों ने इसमें प्रतिभाग किया। ऐसी कोशिश देशभर के सभी राज्य सरकारों को करना चाहिए। गौमाता को बचाने के लिए सभी को एक जुट होकर आगे आना पड़ेगा।

Uttarakhand

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *