सुप्रभातम्:मन चंगा तो कठौती में गंगा का संदेश देने वाले संत रविदास जयंती आज

हिमशिखर धर्म डेस्क

Uttarakhand

भारत की पावन धरा पर कई महान संतों ने जन्म लिया, जिसमें संत शिरोमणि गुरु रविदास जी का भी नाम शामिल है। संत गुरु रविदास महान संत थे, जिन्होंने प्रेम और सौहार्द का पाठ पढ़ाया। रविदास जी ने अपना संपूर्ण जीवन समाज से जाति भेदभाव को दूर करने और समाज सुधार व समाज कल्याण कार्यों में समर्पित कर दिया।

प्रत्येक वर्ष माघ पूर्णिमा के दिन रविदास जी के सम्मान में इनके जन्मदिन को गुरु रविदास जयंती के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि इन्होंने अपनी शिक्षाओं और उपदेशों से लोगों के जीवन को समृद्ध बनाया। इस साल गुरु रविदास जयंती आज 24 फरवरी को है। आइये जानते हैं रविदास जी की जयंती का इतिहास और महत्व-

संत रविदास का जन्म वाराणसी के पास के एक गांव में हुआ था। रविदास जयंती के दिन संत रविदास जी की पूजा की जाती है, शोभा यात्राएं निकाली जाती हैं और भजन कीर्तन कर उनको याद किया जाता है। संत रविदास बेहद धार्मिक स्वभाव के थे। वे भक्तिकालीन संत और महान समाज सुधारक थे। उन्होंने भगवान की भक्ति में समर्पित होने के साथ-साथ अपने सामाजिक और पारिवारिक कर्तव्यों का भी बखूबी निर्वहन किया। संत रविदास जी ने लोगों को बिना भेदभाव के आपस में प्रेम करने की शिक्षा दी और इसी तरह से वे भक्ति के मार्ग पर चलकर संत रविदास कहलाए।

Uttarakhand

संत रविदास भक्ति आंदोलन के एक भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे। इन्होंने जाति का भेदभाव मिटाकर लोगों को एकजुट करने के लिए प्रोत्साहित किया।

Uttarakhand

रविदास जयंती महत्व

हर साल संत रविदास जी के सम्मान में माघ मास की पूर्णिमा तिथि को रविदास जयंती मनाई जाती है। भारत में रविदास जी की जयंती के इस विशेष अवसर को मनाने के लिए विभिन्न देशों से भी लोग आते हैं और भक्त अनुष्ठानों को पूरा करने के लिए पवित्र नदी में डुबकी लगाते हैं। साथ ही कीर्तन-भजन का भी आयोजन किया जाता है।

Uttarakhand

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *