सुप्रभातम्:गुरु चांडाल योग को काल सर्प योग से भी ज्यादा खतरनाक और विनाशकारी योग क्यों माना जाता है

हिमशिखर धर्म डेस्क

Uttarakhand

गुरु चांडाल योग बृहस्पति ग्रह और राहु ग्रह की युति से बनता है। जब ये दोनों ग्रह किसी एक राशि में मौजूद होते हैं, तब यह विनाशकारी और अशुभ योग बनता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब ग्रहों का एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन, युति, मार्गी और वक्री चाल में परिवर्तन होता है तो इसका प्रभाव व्यक्ति की कुंडली में पड़ता है। हर किसी की कुंडली में हर ग्रह अलग-अलग स्थानों पर मौजूद रहते हैं। इन ग्रहों का कुंडली के स्थानों में रहना जातक के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

कुछ ग्रह ऐसे होते हैं, जो अगर शुभ स्थान पर विरामान होते हैं तो, शुभ फल देने के लिए बाध्य होते हैं। वहीं अगर पापी ग्रह गलत घर में बैठते हैं तो, जातक के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब देवताओं के गुरु बृहस्पति जब राहु-केतु के साथ युति करते हैं तो, इससे अशुभ योग बनता है। गुरु-राहु की युति से बना योग चाडांल योग कहलाता है। इस तरह का ये अशुभ योग कालसर्प योग से भी ज्यादा खतरनाक होता है।

कब और कैसे बनता गुरु चांडाल दोष:–

गुरु चांडाल योग को ज्योतिष शास्त्र में बहुत ही विनाशकारी योग माना जाता है। गुरु चांडाल योग बृहस्पति ग्रह और राहु ग्रह की युति से बनता है। जब ये दोनों ग्रह किसी एक राशि में मौजूद होते हैं, तब यह विनाशकारी और अशुभ योग बनता है।

जन्म कुंडली के अशुभ दोषों में से गुरु चांडाल दोष को भी बहुत नुकसानदायक माना जाता है। किसी भी जातक की कुंडली में राहु और बृहस्पति के एक साथ होने से गुरु चांडाल दोष का निर्माण होता है।

ज्योतिष के अनुसार, इस दोष के कारण कुंडली के अन्य शुभ योग नष्ट हो जाते हैं, जिसके कारण व्यक्ति के अपने जीवन में अत्यंत कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। गुरु चांडाल दोष के कारण व्यक्ति का धन व्यर्थ के कार्यों में खर्च होता है, साथ ही ऐसे व्यक्ति को पाचनतंत्र से जुड़ी गंभीर समस्याएं होने की आशंका रहती है।

कुंडली में गुरु चांडाल योग के संकेत:–

– जब भी किसी जातक की कुंडली में गुरु चांडाल योग बनता है तो, व्यक्ति के मान-सम्मान में गिरावट देखने को मिलती है।
– अचानक से व्यापार और नौकरी में व्यक्तियों के हाथों से गलतियां होने लगती है, जिससे व्यक्ति को काफी नुकसान होता है।
– गुरु- राहु की युति से बनने वाला गुरु चांडाल योग में अगर राहु का पक्ष बलवान है तो, व्यक्ति गलत संगत में पड़ जाता है। ऐसे लोग जुआ और नशा करने लगते हैं।

– कुंडली में गुरु-चांडाल योग होने से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति धीरे-धीरे खत्म हो जाती है।

– गुरु चांडाल योग से व्यक्ति को धन हानि और मानसिक परेशानियां बढ़ने लगती हैं।

गुरु चांडाल दोष के प्रभाव से बचने के उपाय:–

यदि किसी की कुंडली में गुरु चांडाल दोष लगा हो तो, उसे प्रत्येक गुरुवार के दिन बृहस्पतिदेव और भगवान श्री हरि विष्णु का पूजन करना चाहिए। बृहस्पतिवार के दिन पीली चीजों से गुड़, चने की दाल आदि का दान करना चाहिए। गाय को पीला भोजन करवाना चाहिए। इसके अलावा प्रतिदिन गायंत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। मान्यता है कि, इससे गुरु चांडाल योग के अशुभ प्रभावों से मुक्ति प्राप्त होती है।

नोट:- यदि आपकी जन्मकुंडली में उपरोक्त कोई समस्या है तो, आप अपनी जन्म कुंडली किसी विद्वान ज्योतिषी अवश्य दिखाएं और उनकी सलाह के अनुसार ही उपाय करें, इससे आपको लाभ होगा !

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *